महाराष्ट्र के रायगढ़ में खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुए भूस्खलन में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी भी दर्जनों लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। NDRF की टीम द्वारा बचाव अभियान जारी है।भूस्खलन बुधवार रात करीब 11.45 बजे को हुआ था। 550 मीटर से अधिक ऊंची पहाड़ी का एक हिस्सा आदिवासी गांव इरशालवाड़ी पर गिर पड़ा था। इससे 30-40 झोपड़ियां दब गईं और उनमें रहने वाले लोग फंस गए। इरशालवाड़ी गांव की आबादी 228 है, इसमें से 100 से ज्यादा लोग इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं।#WATCH | Raigad, Maharashtra: Canine squad carries out search operation in landslide-hit area.So far, 22 dead bodies have been recovered from the site. pic.twitter.com/jban6qeya9— ANI (@ANI) July 22, 2023
भूस्खलन सूचना मिलने के बाद रायगढ़ जिला प्रशासन और पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया। पहाड़ी इलाके में बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें बिखरी होने के कारण बचाव दल को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।अखिल महाराष्ट्र गिर्यारोहण महासंघ के अध्यक्ष उमेश ज़िरपे ने कहा कि महाराष्ट्र पर्वतारोही बचाव समन्वय केंद्र (एमएमआरसीसी) के माध्यम से लगभग 60 पर्वतारोही वहां खोज और बचाव अभियान में शामिल हुए हैं। ज़िरपे ने पुणे से बताया, “इरशालगढ़ किले वाली यह पहाड़ी एक लोकप्रिय ट्रैकिंग प्वाइंट है और इर्शलवाड़ी गांव दुर्घटनाग्रस्त चट्टानी चट्टानों के ठीक नीचे स्थित है।”मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में एक बयान में घोषणा की कि राज्य के भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और उन्हें स्थायी रूप से पुनर्वास करने का निर्णय लिया गया है। रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी हादसे पर शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। खतरनाक भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इरशालवाड़ी के निवासियों को सिडको के माध्यम से स्थायी रूप से पुनर्वासित किया जाएगा।