महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के बढ़ते मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार को राज्य के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आरक्षण दिया जाएगा। बैठक में सीएम ने कहा कि सरकार को कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए समय चाहिए और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा छोड़ने की अपील भी की।मुख्यमंत्री @mieknathshinde यांच्या अध्यक्षतेखाली सह्याद्री अतिथीगृह येथे मराठा आरक्षणविषयक सर्वपक्षीय बैठक आज पार पडली. उपमुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis , माजी मुख्यमंत्री ज्येष्ठ नेते खासदार शरद पवार, माजी मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, मंत्री सर्वश्री राधाकृष्ण विखे पाटील,… pic.twitter.com/MQmxlOjiM4— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 1, 2023
सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और अन्य समेत 30 से ज्यादा नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रस्ताव में कहा गया कि कानूनी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी की जाएंगी। हालांकि, इसे पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, जिस पर हमें विचार करना होगा।मराठा आरक्षण या विषयावर सह्याद्री अतिथीगृह येथे आज झालेल्या सर्वपक्षीय बैठकीत करण्यात आलेला ठराव – pic.twitter.com/4Cr4woENi1— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 1, 2023
सर्वदलीय बैठक में एक विस्तृत प्रस्ताव पारित करते हुए उन्होंने कहा, ”मराठों को आरक्षण देने को लेकर हम एकमत हैं। ऐसा आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही किया जा सकता है, जो कानूनी जांच का सामना कर सके। इसके लिए सभी राजनीतिक दल मिलकर काम करने को तैयार हैं।”मराठा समाजाला आरक्षण देण्याबाबत सर्वांचे एकमत असून कायदेशीर बाबी पूर्ण करूनच टिकणारे आरक्षण देण्यासाठी राज्यातील सर्वच पक्ष एकत्रितपणे काम करायला तयार आहेत. मात्र राज्यात कुणीही कायदा हातात घेऊ नये, राज्यातील शांतता तथा कायदा व सुव्यवस्था अबाधित ठेवावी, असे आवाहन आज सह्याद्री… https://t.co/pnu5yvNxMT— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 1, 2023
प्रस्ताव में आगे कहा गया कि राज्य में जिस तरह की हिंसा भड़की है, वह उचित नहीं है। इससे मराठा आरक्षण आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है। हम ऐसी हिंसा के सख्त खिलाफ हैं। किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि हम राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की अपील करते हैं।सीएम एकनाथ शिंदे और बैठक में मौजूद सभी नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव में पिछले 8 दिन से जालना में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मराठा आरक्षण आंदोलन के अगुवा और शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल से सरकार के साथ सहयोग करने और अपनी भूख हड़ताल वापस लेने की भी अपील की गई। पाटिल की हड़ताल का बुधवार को आठवां दिन है।