Mahakal Temple: महाकाल मंदिर में शीघ्र दर्शन व्यवस्था में बदलाव, 250 रुपए वाली रसीद अब मिलेगी ऑनलाइन

उज्जैन: लगता है इन दिनों विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति और अधिकारियों के लिए एक प्रयोगशाला बन चुका है, जहां हर दिन नए नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इस और किसी का भी ध्यान नहीं है कि इन निर्देशों के पालन से आखिर क्या परिणाम होगा, यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए सुखद रहेगी या फिर कोई नई परेशानी खड़ी करेगी. महाकालेश्वर मंदिर में जल्द दर्शन की 250 रुपये की रसीद जो कि अब तक मंदिर के काउंटर पर आसानी से ऑफलाइन प्राप्त की जा सकती थी, लेकिन इस व्यवस्था को बदलकर अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है. जिससे अब श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन की टिकट ऑनलाइन खरीदनी होगी या फिर क्यूआर कोड स्कैन कर इसका भुगतान करना होगा.

श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने यह व्यवस्था लागू तो कर दी, लेकिन आज सुबह इस व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को कई घंटे लाइन मे खड़े होकर परेशान होना पड़ा. बताया जाता है कि आज टिकट काउंटर पर शीघ्र दर्शन की रसीद ऑफलाइन नहीं दी गई और ऑनलाइन टिकट इसलिए नहीं बन पाई क्योंकि सर्वर में कुछ परेशानी आ रही थी. अचानक बदली गई व्यवस्था को लेकर श्रद्धालुओं में खासी नाराजगी थी. उनका कहना था कि ऑनलाइन टिकट लेने में ही लगभग 1 से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है और इस टिकट को लेने के बाद लगभग 1 घंटा दर्शन करने में भी लगेगा. जब हमें बाबा महाकाल के दर्शन करने में रुपए देने के बावजूद ढाई घंटे का समय लग रहा है तो फिर ऐसी व्यवस्था से अच्छा तो हम आम दर्शनार्थियों की लाइन में लगकर ही बाबा महाकाल के दर्शन कर ले.
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने किया था कटाक्ष
इस मामले को लेकर जब श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह व्यवस्था बदली गई है. वहीं याद रहे की मुरलीपुरा मे चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान सीहोर वाले कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि मंदिर मे दर्शन की व्यवस्था मे लगे अधिकारी और कर्मचारी सुन ले कि उन्हें बाबा महाकाल ने यहां श्रद्धालुओं को सरल और सुलभ दर्शन करवाने का मौका दिया है.

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यह नहीं कि वह हजारों किलोमीटर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को पल भर भी बाबा महाकाल की झलक ना देखने दे. मंदिर समिति श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए इतना जरूर करें कि भगवान के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अपने देवाधिदेव बाबा महाकाल के दर्शन जरूर कर पाए.
लाखों श्रद्धालु तो व्यवस्था में अभी बदलाव क्यों?
याद रहे की उज्जैन में इन दिनों सीहोर वाले कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा चल रही है. जिसमें शामिल होने लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी उज्जैन आए हुए हैं. श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने अचानक शीघ्र दर्शन की व्यवस्था में बदलाव कर ऑफलाइन टिकट को बंद करते हुए ऑनलाइन टिकट शुरू कर दी है, जो कि गलत है. यदि इस नई व्यवस्था का प्रयोग करना ही था तो इसे 10 अप्रैल के बाद भी किया जा सकता था, लेकिन ऐसे समय में जब मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ है. प्रबंध समिति के इस प्रकार के निर्णय से सिर्फ श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं.

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