मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले जो कांग्रेस की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है। इस बढ़त की बदौलत भाजपा ने न केवल 163 सीट पर जीत दर्ज की है बल्कि मध्य प्रदेश की द्वि-ध्रुवीय राजनीति में अपनी स्थिति भी पहले से मजबूत कर ली है।
भाजपा को 163 सीटों के साथ लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40.89 (2018) के मुकाबले लगभग 40.40 ही रहा और कुल सीटों की संख्या 114 से घटकर 66 हो गई।
हालांकि, करीब आठ प्रतिशत मतों की बढ़त ने भाजपा को 2018 में 109 सीटों से 2023 में 163 सीटों पर पहुंचा दिया।
2003 में, भाजपा को 42.50 प्रतिशत वोट मिले थे और वह 173 सीटों पर विजयी हुई थी, जबकि कांग्रेस को 31.6 प्रतिशत वोट मिले थे और उसने 38 सीट पर कब्जा किया था।
इसी तरह, 2008 में भाजपा का वोट प्रतिशत 143 सीटों के साथ 37.64 था जबकि कांग्रेस का 71 सीटों के साथ 32.39 प्रतिशत था।
2013 में भाजपा को 44.88 फीसदी वोट के साथ 165 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 36.38 फीसदी वोट के साथ 58 सीटें मिलीं।
2018 में भाजपा को 41.02 प्रतिशत वोट मिले और उसे 109 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट मिले और उसे 114 सीटें मिलीं।