राजस्थान में पायलट को आप BJP में ला रहे? भूपेंद्र यादव का चुटीला जवाब सुनिए

जयपुर: राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर जब सचिन पायलट ने 2020 में बगावत की थी, तभी से गाहे-ब-गाहे ये चर्चा होती है कि पायलट बीजेपी में जा रहे हैं। हालांकि पायलट की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि वो पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। लेकिन पायलट को लेकर सवाल अक्सर होते रहते हैं। इस बीच राजस्थान से बीजेपी के राज्यसभा सांसद व श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस सवाल का जवाब दिया। भूपेंद्र यादव से पूछा गया कि क्या आप सचिन पायलट को बीजेपी में ला रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा कि हम क्यों लाएंगे, वो अपनी पार्टी में है। बीजेपी राजस्थान में पूरी तरह से मजबूत है। जबकि कांग्रेस में पिछले पांच साल से रूमाल झपट्टे का खेल चल रहा है।

वहीं सीएम गहलोत के पायलट को गद्दार वाले बयान पर बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि सीएम गहलोत ने राजनीति में जिस तरह की भाषा का प्रयोग अपने साथी के लिए किया, वो उनका निजी विषय हैं, लेकिन मेरी राय है कि अपने साथी के लिए उन्हें ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के संयुक्त नेतृत्व में जिस तरह से कांग्रेस में झगड़े हुए हैं, उससे एक बात साफ हुई है कि राज्य में कानून व्यवस्था, बिजली व्यवस्था, गांव के विकास की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम जिस जगह पर राजस्थान के विकास की यात्रा को छोड़कर गए थे, राजस्थान उससे पिछड़ गया है। इसलिए अब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना तय है।

जनता अगर हमें आशीर्वाद दे रही है तो इसमें क्या होना चाहिए: भूपेंद्र यादव

2023 में आप चार राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं? इस सवाल पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि हर पार्टी अपने आप को बढ़ाने का काम करती है। हम किसी पार्टी का रजिस्ट्रेशन बंद नहीं कर रहे हैं, किसी को चुनाव लड़ने से मना नहीं कर रहे, किसी पर कोई रोक नहीं लगा रहे, हम जनता की सेवा कर रहे हैं। जनता अगर हमें आशीर्वाद दे रही है तो इसमें क्या होना चाहिए।

अगर हमारे पास साम-दाम-दंड होता तो हम चुनाव नहीं हारते: भूपेंद्र यादव

विरोधी आरोप लगाते हैं कि आप चुनाव में साम-दाम-दंड सहित सभी एजेंसिया फिर चाहे ईडी हो, सीबीआई हो का इस्तेमाल करते हैं? इस पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि तो फिर हम हिमाचल कैसे हार गए। अगर इतना ही होता तो हम क्यों हारते। हमारी केंद्र में सरकार थी, दिल्ली में हमारे 7 लोकसभा सांसद चुनकर आए। बाद में हम दिल्ली विधानसभा चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि ये तो विपक्ष का एक तरीका बन गया है कि हार जाओ तो आरोप लगाओ और जीत जाओ तो अपनी जीत बताओ। ऐसे काम तो नहीं चलता है। अगर हमारे पास साम-दाम-दंड होता तो हम चुनाव नहीं हारते।