वाम दलों का भी बंगाल में रहा था 34 साल शासन, लेकिन बीजेपी के गुजरात जैसा दमखम नहीं, देखिए आंकड़े

नई दिल्ली: गुजरात (Gujarat Election) में बीजेपी ने लगातार 7वीं बार चुनाव जीतते हुए 156 सीटें हासिल की हैं। यह बीजेपी के लिए एक जीत नहीं है बल्कि एक बड़ा रेकॉर्ड है, जो पार्टी के नाम दर्ज हो गया है। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 85 प्रतिशत सीटों पर जीत मिली है। गुजरात में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के बंगाल में किए गए सबसे लंबे शासन के रेकॉर्ड को तोड़ सकती है। सीपीएम ने बंगाल में 7 चुनाव जीते थे। पश्चिम बंगाल में आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक एक ही पार्टी के शासन में रहने का रेकॉर्ड है। सीपीएम के 34 साल के शासन का अब तक रेकॉर्ड नहीं टूट पाया है।

27 साल से गुजरात में शासन कर रही बीजेपी के पास 5 साल के लिए और सत्ता की बागडोर आ गई है। इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा की 182 में से 156 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। गुजरात के चुनावी इतिहास में पहली बार है जब किसी पार्टी ने इतनी ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं गुजरात के चुनावी इतिहास में पहली बार है जब किसी एक पार्टी ने 150 से ज्यादा सीटें हासिल हुई हैं। इस बार का चुनाव जीतते ही बीजेपी ने लगातार 7 चुनाव जीतने का रेकॉर्ड बना लिया है। साल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव को जीतकर बीजेपी ने एक रेकॉर्ड की बराबरी कर ली है और वह रेकॉर्ड लेफ्ट की पश्चिम बंगाल सरकार के नाम था। जहां पर लेफ्ट ने 7 बार लगातार जीत हासिल की थी। इससे पहले देश के किसी भी राज्य में किसी अन्य पार्टियों ने ऐसा नहीं किया है। गुजरात में इससे पहले बीजेपी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन साल 2002 में दिखा था, जब पार्टी ने 182 में 127 सीटों पर जीत हासिल की थी।

जानें अब तक किस पार्टी ने खेली लंबी पारी

बंगाल में सीएमएम के अलावा सिक्किम राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने 24 सालों तक सिक्किम में शासन किया। वहीं राजनीति कि पिच पर लंबी पारी खेलने वाले मुख्यमंत्रियों में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु का नाम भी शामिल है। बसु ने लगातार 23 सालों तक पश्चिम बंगाल में शासन किया। वह 1977 से 2000 तक राज्य के सीएम रहे। त्रिपुरा के सीएम माणिक सरकार भी 19 सालों तक प्रदेश के सीएम रहे। वह 1998 से 2018 तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे।

गुजरात में बीजेपी के 45 नए चेहरों में से 43 विजयी रहे

गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने निवर्तमान विधायकों के स्थान पर जो 45 नए चेहरे उतारे थे, उनमें से दो को छोड़कर बाकी सभी विजयी रहे। सत्ता विरोधी लहर से पार पाने के लिए भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 45 विधायकों के टिकट काट दिए थे। यह रणनीति काम आई, क्योंकि ज्यादातर नए उम्मीदवार जीत गए। भाजपा राज्य में 27 साल से सत्ता में है। अपवाद बस बोटाड और वाघोडिया निर्वाचन क्षेत्र रहे, जहां नए बीजेपी उम्मीदवारों को क्रमश: आम आदमी पार्टी (आप) के एवं निर्दलीय प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा। बोटाड में भाजपा ने निवर्तमान विधायक एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल को हटाकर घनश्याम विरानी को चुनाव में उतारा था। पटेल 1998, 2002, 2007 और 2017 में इस सीट से विजयी रहे थे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टी डी मानिया ने यह सीट जीती थी। इस बार विरानी को आप के उमेश मकवाना ने 2,779 मतों के अंतर से हरा दिया।