इंजीनियर की जॉब छोड़ गोपालन को बनाया व्यवसाय, आज कमा रही हैं महीने के लाखों

21वीं सदी में महिला सशक्तिकरण की बात करें तो आज हर कार्य में महिला अपनी दक्षता का लोहा मनवा रही हैं. अपनी मेहनत लगन और काम के प्रति ईमानदारी के चलते आज बुलंदियों के शिखर पर पहुंच रही हैं. ऐसी ही एक सशक्त महिला पायल पाटीदार शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर ग्राम कीलोदा में रहती हैं, और पेशे से एक इंजीनियर है.

पायल मध्य प्रदेश के इंदौर में प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी, लेकिन कोरोना काल में उनकी जॉब छूट गई. जिसके बाद उन्होंने कपड़े की दुकान इंदौर में संचालित की लेकिन शायद किस्मत को यह रास नहीं आया और कोरोना काल के चलते लॉकडाउन लग गया.

इन सबके बावजूद भी पायल पाटीदार ने हार नहीं मानी अपने गांव किलोदा आ गई. जहां पर उन्होंने अपने खेत पर फॉर्म खोला और गिर गाय को पालना शुरू किया आरंभ में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे पायल ऊंचाइयों की बुलंदी को छूती गई.

शुरूआत में पायल ने 25 गिर गायों को पालना शुरू किया और उनके माध्यम से उन्होंने 25 गाय और खरीदी जिसके बाद में कुल मिलाकर उनके पास में आज 50 गिर गाय हैं. जिनका पालन कर वह दूध और घी, गोबर बेच कर हर साल लाखों रुपए कमा रही हैं. वहीं उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर पर एक गाय जरूर पालनी चाहिए.

पायल ने कहा कि दूध की सप्लाई के लिए वहां शाजापुर राजगढ़ और सारंगपुर के स्थानीय बाजार उपयुक्त होने से सीधे ग्राहकों को सप्लाई करती हैं. घी के लिए ऑनलाइन विकल्प अपनाया गया है. जो देश भर में कहीं से भी ऑनलाइन आर्डर आने पर वहां संबंधित व्यक्ति को सप्लाई करते हैं.

शुरुआत में 25 गाय थी, जिनकी आमदनी से 25 गाय और खरीदी गोबर से वर्मी कंपोस्ट बना रहे और गोमूत्र से गो अंक एवं कृषि दवाई बना रहे हैं. तकरीबन हर महीने वो गाय का दूध, गोबर एवं घी बेचकर एक लाख रुपए माह कमा रही हैं. मूलत पायल किसान परिवार से तालुक रखती है और सरल सहज तरीके से जीवन यापन करती हैं. पायल ने बताया कि वो आने वाले समय में वहां गोपालन के साथ मशरूम की खेती भी करेंगी.