नील कमल, पटना: देश की राजनीति में लालू प्रसाद यादव जैसे राजनीतिज्ञ की बात को आज भी गंभीरता से लिया जाता है। 15 साल तक लगातार बिहार पर शासन करने वाले लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं। बावजूद इसके बिहार में अपनी जाति पर उनकी पकड़ ठीकठाक है। कहा जाता है कि MY (मुस्लिम+यादव) समीकरण अब भी () के साथ इंटैक्ट है। बीजेपी की नजर () की कुर्सी पर है, वो लगातार धोखेबाजी का आरोप लगाते हैं। प्रदेश बीजेपी के नेता कई बार तेजस्वी को सीएम बनाने की लेकर भी बयान दे चुके हैं। लालू प्रसाद यादव कब आएंगे पटना?राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बाद सिंगापुर से दिल्ली लौट चुके हैं। फिलहाल मेडिकल एडवाइस के तहत दिल्ली में ही रह रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बताया कि फिलहाल लालू प्रसाद यादव के पटना आगमन की कोई सूचना नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि होली के बाद लालू यादव पटना आ सकते हैं।पटना आते ही शुरू होगा राजनीतिक ‘खेल’!बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार के दिन अब खत्म होने वाले हैं। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पटना पहुंचते ही आरजेडी के भीतर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी। इसके साथ ही आरजेडी और जेडीयू के बीच सरकार बनने के पहले जो ‘डील’ तय की गई थी, उसे पूरा करने के लिए नीतीश पर दबाव शुरू होगा। खुलासा हो चुका है कि लालू यादव ने नीतीश का समर्थन ये कह कर किया था कि वो कुछ ही महीने तक मुख्यमंत्री रहेंगे। उसके बाद तेजस्वी यादव की ताजपोशी की जाएगी। लेकिन नीतीश कुमार अपनी बात से ही पलटने लगे हैं। लिहाजा लालू प्रसाद यादव को मजबूरी में राजनीतिक ‘खेल’ खेलना पड़ सकता है।’ऑपरेशन राजतिलक का आगाज करेंगे लालू’प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव को ये दिलासा दिलाया था कि दिसंबर तक तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। लेकिन नीतीश कुमार ने 2025 विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने का ऐलान कर दो साल के लिए अपनी कुर्सी बचाने का खेल कर दिया। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के बजाय उनके हाथ में 2025 विधानसभा चुनाव का झुनझुना पकड़ा दिया। बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार के इस बयान के बाद से ही आरजेडी नेताओं के अंदर मुख्यमंत्री के वादाखिलाफी को लेकर आक्रोश है। यही वजह है कि आरजेडी सुप्रीमो के इशारे पर आरजेडी कोटे के मंत्री ही नीतीश कुमार पर प्रहार करने से नहीं चूक रहे। उदय नारायण चौधरी ने तो नीतीश सरकार को ‘लंगड़ी सरकार’ तक कह कर संबोधित कर दिया। अब राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता और नेता लालू प्रसाद यादव के पटना लौटने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालू प्रसाद यादव ‘ऑपरेशन राजतिलक’ का आगाज करेंगे। इसके साथ ही नीतीश कुमार को आश्रम भेजने का इंतजाम भी करेंगे।नीतीश का ही निर्णय होगा अंतिम: आरजेडीवहीं, आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सत्ता से बाहर रहने के बाद बीजेपी के नेता अनर्गल अलाप करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का गठन बिहार को बीजेपी मुक्त बनाने के लिए किया गया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बिहार के विकास और जनता के लिए काम कर रही है। शक्ति सिंह यादव ने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दल एकजुट होंगे। महागठबंधन का संकल्प 2024 में भाजपा मुक्त भारत बनाने का है।