जॉनी डेप-अंबर हर्ड केस, मर्डर के बहुचर्चित मुकदमों पर रिसर्च…श्रद्धा की हत्या के बाद बेफिक्र क्यों रहा आफताब, जानिए

नई दिल्ली : श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला का गुरुवार को नार्को टेस्ट हुआ। रोहिणी के डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में उसका नार्को ऐनालिसिस टेस्ट करीब 2 घंटे तक चला। अधिकारियों ने बताया कि टेस्ट के बाद उसका स्वास्थ्य ठीक है। वह सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर रोहिणी अस्पताल पहुंचा और 10 बजे उसका नार्को टेस्ट शुरू हुआ। टेस्ट सफलतापूर्वक होने के बाद उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। नार्को टेस्ट में क्या निकला अभी ये डीटेल सामने नहीं आई है। इस बीच श्रद्धा मर्डर की जांच में जुटी पुलिस को आफताब के बारे में ऐसी जानकारियां मिली हैं जो बताती हैं कि वह कितना शातिर दिमाग है। मर्डर के बाद क्या करें जिससे उसका राज न खुले, इसके लिए उसने इंटरनेट पर काफी रिसर्च किया था।

आफताब का हाव-भाव ऐसा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है!

लिव-इन पार्टनर के मर्डर के बाद भी आफताब इतना शांत है कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं है। पुलिस सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अपराध के बाद कैसे खुद को शांत रखें ताकि किसी को कोई शक न हो, इसके लिए उसने नेट पर कुख्यात मर्डर केसों के बारे में काफी रिसर्च किया था। पूछताछ में उसने बताया कि इससे उसे शांत रहने में मदद मिली।

जॉनी डेप-अंबर हर्ड केस से लेकर तमाम मुकदमों के ट्रायल को खंगाला

श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने इंटरनेट पर मर्डर के चर्चित मुकदमों के बारे में पढ़ा। ये समझने की कोशिश की कि केस के दौरान सिलेब्रिटीज ने कैसे व्यवहार किया। कैसे किसी के हाव-भाव और व्यवहार का जांच पर असर पड़ता है, इसको समझने के लिए उसने हॉलिवुड सिलेब्रिटी जॉनी डेप और अंबर हर्ड के तलाक के मामले पर भी रिसर्च किया। उसे पता था कि एक न एक दिन श्रद्धा मर्डर का खुलासा तो होगा ही लेकिन इंटरनेट पर इस तरह की सामग्रियों को पढ़-देखकर खुद को उस दिन के लिए तैयार कर रहा था जिस दिन उसकी घिनौनी करतूत का भंडाफोड़ होगा।

कस्टडी के दौरान आफताब का शांत और संयत रहने के वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चर्चाएं देखने को मिल रही हैं। आफताब ने कबूला है कि इंटरनेट पर रिसर्च से उसे खुद को शांत रखने में मदद मिली। जब पुलिसवालों ने उसकी इंटरनेट सर्च हिस्ट्री के बारे में सवाल किया तो उसने कथित तौर पर कहा कि इससे उसे जांच के दौरान खुद को शांत और सामान्य रखने में मदद मिली है।

किन परिस्थियों में मुख्य आरोपी बरी हुए, किनमें दोषी…इन पर किया सर्च

सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस कथित हत्यारे का इंटरनेट सर्च दिखाता है कि उसने आपराधिक मामलों की जांच लेकर ट्रायल तक, हर पहलुओं पर गहराई से रिसर्च किया था। एक पुलिस सूत्र ने बताया, ‘उसके हालिया सर्च इससे जुड़े हैं कि तनावभरे दौर में कैसे व्यवहार करना चाहिए। उसने डेप और हर्ड के तलाक केस के मुकदमे के बारे में खूब पढ़ा ताकि ये समझा जा सके कि किसी शख्स के हाव-भाव, व्यवहार का जांच पर क्या असर पड़ता है।’ उसने कई मुकदमों में अध्ययन कर यह समझने की कोशिश की कि किन परिस्थितियों में मुख्य आरोपी बरी या दोषी ठहराया गया।

श्रद्धा की हत्या के कुछ दिन बाद आफताब ने जिस महिला को छतरपुर के फ्लैट में बुलाया था, उसने भी पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वह एकदम नॉर्मल और खुश दिख रहा था।

फोन से कुछ इंटरनेट सर्च को डिलीट भी कर दिया था आफताब

सूत्रों ने बताया कि पॉलिग्राफ टेस्ट में पूछताछ के दौरान भी वह शांत बना रहा। उसके चेहरे पर चिंता की कोई लकीर तक नहीं थी। जेल में भी वह चैन से सो रहा है। तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आफताब आराम से सो रहा है। अपना खाना खा रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘तमाम परिस्थितियों में आफताब जिस तरह शांत रह रहा है, इसकी वजह शायद श्रद्धा की हत्या के बाद उसके किए गए रिसर्च हों। लेकिन उसने कुछ इंटरनेट सर्च को अपने फोन से डिलीट कर दिया था।’

श्रद्धा का फोन ठिकाने लगाने की जल्दी? फ्लाइट से गया मुंबई

आफताब आमतौर पर ट्रेन या बस से सफर करता था। लेकिन पुलिस को शक है कि श्रद्धा मर्डर के बाद जब वह मुंबई गया तब उसने फ्लाइट पकड़ी थी ताकि वह श्रद्धा के मोबाइल फोन को जितना जल्दी संभव हो सके, ठिकाना लगा दे।

आफताब ने नेट पर यह भी सर्च किया था कि किसी शव को कैसे ठिकाने लगाए, खून के धब्बों को साफ करने के लिए कौन से केमिकल का इस्तेमाल करें। जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि उसने कई तरह के केमिकल खरीदे थे। कुछ को ऑनलाइन तो कुछ को दुकानों से।

पुलिस ने उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आफताब की गतिविधियों के बारे में डीटेल देने के लिए लिखा है, जिसका वह इस्तेमाल किया करता था। पुलिस को इन प्लेटफॉर्म के जवाब का इंतजार है।

आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। तब अदालत ने उसे 5 दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया था जो 17 नवंबर को 5 और दिनों के लिए बढ़ा दी गई। कोर्ट ने 26 जनवरी को उसे 13 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 1 दिसंबर को उसका नार्को टेस्ट किया गया।