नई दिल्ली: हुई कथित गड़बड़ी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आप के उम्मीदवार को मेयर घोषित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 और 8 वोटों को जोड़कर 20 वोट मानते हुए विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया। जिसके कारण कुलदीप कुमार जीत गए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आप नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेयर के चुनाव में केंद्र सरकार बीजेपी खुल्लम खुल्ला चोरी, डकैती करते हुए कैमरे पर दिखी है। देश के लिए बड़ी चिंता की बात है जहां पर कैमरे नहीं लगे हुए हैं वहां पर केंद्र सरकार क्या कर रही होगी?सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरीके से इस मामले में केंद्र सरकार को एक्सपोज किया है। ऐसा आज तक नहीं हुआ होगा। जब कोर्ट ने भारतीय रिटर्निंग ऑफिसर (अनिल मसीह) से कैमरे को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कोर्ट में कहा कि वहां पर हल्ला मच रहा था लोग कैमरा-कैमरा कह रहे थे तो इसलिए मैंने कैमरे की तरफ देखा। उसके बाद जब बैलेट पेपर पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो बैलेट खराब थे उन पर मैं बस लाइन लगा रहा था कि ये खराब है। आज बीजेपी हो गई एक्सपोज आज जब अनिल मसीह को कोर्ट ने बुलाया तो आज बीजेपी एक्सपोज हो गई। कोर्ट के अंदर रिटर्निंग ऑफिसर (अनिल मसीह) के पास कोई जवाब नहीं था। इस चुनाव को करवाने के लिए बार-बार आम आदमी पार्टी को कोर्ट जाना पड़ा। आप ही बताइए जब मेयर के चुनाव के लिए कोर्ट जाना पड़ेगा तो कैसे इस देश में चुनाव प्रक्रिया होगी। आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए बीजेपी को आइना दिखा दिया है। भारतीय जनता पार्टी को देश में माफी मांगनी चाहिए।सीएम केजरीवाल ने किया SC का शुक्रिया चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुई कथित गड़बड़ी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोबारा से काउंटिंग कराने के सख्त निर्देश दे दिए थे। हालांकि बाद में कोर्ट ने आप के उम्मीदवार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया। कोर्ट के इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट करते हुए लिखा- इस कठिन समय में लोकतंत्र को बचाने के लिए SC को धन्यवाद! सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा- कुलदीप कुमार एक गरीब घर का लड़का है। INDIA गठबंधन की ओर से चंडीगढ़ का मेयर बनने पर बहुत बहुत बधाई। ये केवल भारतीय जनतंत्र और माननीय सुप्रीम कोर्ट की वजह से संभव हुआ। हमें किसी भी हालत में अपने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाकर रखना है।