गुर्जर वोटरों की नाराजगी, जानिए राजस्थान चुनाव में जीत-हार का सचिन फैक्टर

जयपुर : राजस्थान के वोटरों ने बदलाव के लिए मतदान किया है। एग्जिट पोल की मानें तो 3 दिसंबर के बाद राज्य की सत्ता बदलने जा रही है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 25 नवंबर को बंपर मतदान हुआ था। 75.45 फीसदी वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। राजस्थान विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में औसतन 120 सीटों पर जीत रही है। इंडिया टुडे-माई एक्सिस के एग्जिट पोल में भी पार्टी को 140-160 सीटें मिल रही हैं, जो बहुमत के आंकड़े से 44 सीटें ज्यादा है। को 68-90 सीटें मिल रही हैं। अन्य के खाते में 5 सीटें जाती दिखाई जा रही हैं। एवीपी-सी वोटर के सर्वे में भी बीजेपी को 113-137 सीटें देने का दावा किया गया है। कांग्रेस इस सर्वे में पिछड़ती नजर आ रही है। टाइम्स नाउ नवभारत के एग्जिट पोल ने बीजेपी को राजस्थान की सत्ता का मजबूत दावेदार बताया है। टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल में भी भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। बीजेपी को 109 से 125 सीटें और कांग्रेस के 105-117 मिलने का अनुमान लगाया गया है। राजस्थान विधानसभा एग्जिट पोल परिणाम 2023विधानसभा सीट – 200, बहुमत का आंकड़ा -101कांग्रेसबीजेपीअन्य एवीपी-सी वोटर113-13788-1120-5टाइम्स नाउ नवभारत109-125105-1171-5टुडे चाणक्य741515इंडिया टुडे- माई एक्सिस68-90140- 1621 जन की बात102-125100-1235कांग्रेस को राजस्थान में गुटबाजी पड़ सकती है भारीपिछले विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसका नतीजा रहा था कि कांग्रेस 21 सीटों से छलांग लगाकर 100 के आंकड़े पर पहुंच गई। चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के हाथ तो मिला दिए मगर दिल नहीं मिला सके। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पायलट और गहलोत के बीच बंटवारे का असर भी फिलहाल एग्जिट पोल के नतीजों में दिख रहा है। बीजेपी ने इससे उलट दो दशक पुरानी गुटबाजी को ठिकाने लगा दिया। चुनाव से पहले ही गुलाब सिंह कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया। रही-सही कसर नए नेतृत्व का संकेत देकर पूरी कर दी। राजस्थान का विधानसभा चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौर और बाबा बालकनाथ जैसे चेहरों को उतारकर जता दिया कि वसुंधरा राजे अब राजस्थान की एकमात्र क्षत्रप नहीं रहीं। 1989 के बाद यह पहला चुनाव था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी बिना सीएम चेहरे के मैदान में उतरी है। पिछले 35 साल में राजस्थान में बीजेपी पहले भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे के नेतृत्व के साये में सत्ता से अंदर-बाहर होती रही है। जानिए किस रीजन में हुआ खेला, कांग्रेस की टेंशन बढ़ीचुनावी नजरिये से भी राजस्थान में पांच इलाके हैं। शेखावटी, मारवाड़, मेवाड़, हड़ौती और ढूंढाड़ । एग्जिट पोल्स के अनुसार, शेखावटी, मारवाड़ और मेवाड़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। हड़ौती और ढूंढाड़ इलाके में बीजेपी एक बार फिर कांग्रेस पर भारी पड़ रही है। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका सचिन पायलट के इलाके ढूंढाड़ में लग सकता है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को गुर्जर समुदाय ने एकतरफा वोट दिया था और कांग्रेस ने बनिया,राजपूत, ब्राह्मण और एससी, एसटी, गुर्जर बाहुल्य ढूंढाड़ रीजन में कांग्रेस ने लंबी छलांग लगाई थी। ढूंढाड़ में कुल 32 विधानसभा सीटें हैं और पिछले चुनाव में कांग्रेस को इस इलाके से 20 सीटें मिली थीं। भाजपा को सिर्फ 6 सीटों से संतोष करना पड़ा था। गुर्जरों की नाराजगी के कारण 2023 के चुनाव में बड़े बदलाव के संकेत मिले हैं। एग्जिट पोल में बीजेपी को 25 सीटें दी गई हैं। एग्जिट पोल की मानें तो हड़ौती एक बार फिर बीजेपी पर मेहरबान है। 17 विधानसभा सीट वाले हड़ौती इलाके में वसुंधरा राजे ने अपना किला बचाए रखा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा इलाके में 10 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को इस इलाके से सात सीटें मिली थीं। इस चुनाव में बीजेपी ने इस किले को और मजबूत किया है और कांग्रेस की सीटें कम हो सकती हैं।