नई दिल्ली: भारत ने वर्ल्ड क्रिकेट को कई महान प्लेयर्स दिए। इस फेहरिस्त में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे स्टार बल्लेबाज आते हैें तो बोलिंग में कपिल देव और अनिल कुंबले का नाम बड़े अदब से लिया जाता है। अपना बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। मगर बात जब अंपायरिंग की आती है तो वहां भारत पिछड़ता दिखता है। वेंकटराघवन के बाद से इंटरनेशनल लेवल में किसी हिंदुस्तानी अंपायर ने नाम नहीं कमाया। मगर बीते कुछ साल से नितिन मेनन ने काफी प्रभावित किया है। आईपीएल की भट्टी में पकने के बाद अब वह धीरे-धीरे दुनिया भर में छाने को तैयार हैं।एशेज में करेंगे अंपायरिंगजून 2020 में आईसीसी एलीट पेनल में शामिल किए गए नितिन मेनन कोरोना के कारण विदेशी यात्रा नहीं कर पाए। ऐसे में भारत के अधिकांश घरेलू मैचों में ही अंपायरिंग करते नजर आए, उन्होंने यूएई और ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप के मैच में भी अंपायरिंग की और पिछले साल इंग्लैंड में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में अंपायरिंग करते दिखे। जून 2020 से 15 टेस्ट, 24 वनडे और 20 टी-20 मैचों में अंपायरिंग की है। अब एशेज 2023 में दम दिखाने को पूरी तैयार है। वह आखिरी तीन टेस्ट में अंपायरिंग करेंगे। डेली 75 मिनट जिम में बीताता हूंमेनन हफ्ते में छह दिन रोजाना 75 मिनट जिम में बीताते हैं, इसके साथ ही अच्छे खाने पर भी ध्यान देते हैं। सात घंटा खड़े रहने के लिए मैच फिटनेस भी अहम होता है। सैलरी कितनी मिलती है?नितिन मेनन बीसीसीआई के ग्रेड ए+ अंपायर हैं, जिसमें प्रथम श्रेणी मैच के एक दिन की फीस 40 हजार रुपये है। आईपीएल के एक सीजन में वह 40 लाख रुपये तक कमा लेते हैं। इतना ही नहीं लगभग 20 मैच के दौरान कपड़ों पर स्पॉनसरशिप के लिए अंपायर्स को प्रति आईपीएल मैच एक्स्ट्रा बोनस भी मिलता है। नितिन मेनन अपनी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा आईसीसी से पाते हैं। एलीट पैनल में शामिल होने के चलते साल 2023 की उनकी बेसिक सैलरी 3 करोड़ 27 लाख 68 हजार रुपये है। जिसमें 10 हजार डॉलर यानी लगभग आठ लाख रुपये बोनस अलग से होता है।क्रिकेटर बनना था सपनानितिन मेनन का जन्म 2 नवंबर 1983 को मध्यप्रदेश के इंदौर में एक क्रिकेट लविंग फैमिली में हुआ। पिता नरेंद्र मेनन भी अंपायर थे। नितिन भी क्रिकेटर बनना चाहते थे। दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी किया। बाद में अंपायरिंग को ही बतौर करियर चुन लिया। 2015-16 के रणजी ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया में शेफील्ड शील्ड के मुकाबलों में फैसले दिए। जून 2020 में, उन्हें निगेल लॉन्ग की जगह ICC अंपायरों के एलीट पैनल में शामिल कर लिया गया।