संसद अनिश्चित काल के लिए स्थगित, बजट सत्र में जानें कितना हुआ कामकाज

नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों को गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। विभिन्न मुद्दों पर हुए हंगामे और गतिरोध के कारण बजट सत्र के दौरान लोकसभा में महज 34 प्रतिशत और राज्यसभा में मात्र 24.4 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया। बजट सत्र विशेषकर इसके दूसरे चरण में लगातार गतिरोध बने रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दुख जताया। उन्होंने सदस्यों से कहा कि इस प्रकार का व्यवहार केवल संसदीय प्रणाली के लिए ही नहीं सदन व देश के लिए भी अच्छा नहीं है। आसन के समक्ष आकर सदस्यों द्वारा नारेबाजी किए जाने और नारे लिखी तख्तियों के प्रदर्शन की ओर परोक्ष रूप से इंगित करते हुए उन्होंने कहा, इस तरह से सदन की गरिमा को गिराना कतई उचित नहीं है। राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में लगातार गतिरोध पर चिंता जताते हुए कहा, जनता की नजरों में हम सब उपेक्षा और उपहास के पात्र बन रहे हैं।बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 34 प्रतिशत और राज्यसभा में 24.4 प्रतिशत कामकाज हुआ। उच्च सदन में बजट सत्र के पहले चरण में 56.3 प्रतिशत कामकाज हुआ जबकि दूसरे चरण में यह महज 6.4 प्रतिशत रहा। हंगामे के कारण उच्च सदन में 103 घंटे और 30 मिनट का व्यवधान रहा। दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए जाने के बाद विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के साथ संवादाताओं से बात करते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया सत्तापक्ष की तरफ से संसद की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डाला गया। ऐसा पहली बार हुआ है। पूर्व में ऐसा कभी नहीं देखा।सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में देश के लोकतंत्र को लेकर दिए गए उनके बयान पर उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा किया। वहीं कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने अडानी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने को लेकर सरकार पर जोर डालने के मकसद से संसद के दोनों सदनों में विरोध जताया एवं नारेबाजी की। सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई दी। उसके अगले ही दिन उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया। गांधी की सदस्यता को समाप्त किए जाने के विरोध में कांग्रेस सदस्य कुछ दिन उच्च सदन में काले वस्त्र पहनकर आये थे।