नई दिल्ली: टीम इंडिया में केएल राहुल की जगह को लेकर दो आकाश चोपड़ा और वेंकटेश प्रसाद के बीच शुरू हुई बहस खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। दोनों पूर्व भारतीय क्रिकेटर्स एक के बाद एक धड़ाधड़ ट्वीट किए जा रहे हैं। दोनों के अपने-अपने मत हैं। दोनों में से कोई किसी की सुनने को राजी नहीं। इस बीच सोशल मीडिया पर आम भारतीय क्रिकेट फैन भी इस ‘लड़ाई’ में शरीक होने से खुद को रोक नहीं पा रहे।
राहुल का सपोर्ट करने वाले आकाश चोपड़ा का पुराना वीडियो निकालकर ले आए, जिसमें चोपड़ा केएल राहुल के ससुर और बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी को अपने पितातुल्य बता रहे हैं।यहां से शुरू हुआ पूरा विवाद दरअसल, वेंटकेश प्रसाद पिछले कुछ दिन से सोशल मीडिया पर लगभग रोजाना टीम में राहुल की जगह पर सवाल उठा रहे हैं जो चोपड़ा को अच्छा नहीं लगा।
चोपड़ा ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर वेंकटेश को इशारों ही इशारों में एजेंडा चलाने वाला बता दिया। इस आरोप से तिलमिलाए वेंकटेश प्रसाद ने अपना रुख स्पष्ट करने के लिए ट्वीट्स की झड़ी लगा दी और कहा कि राहुल या किसी दूसरे खिलाड़ी से उनकी कोई पर्सनल खुन्नस नहीं। वह तो टीम सिलेक्शन मेरिट के आधार पर चाहते हैं।
वेंकटेश प्रसाद के ट्वीट्स पर आकाश चोपड़ा ने रिप्लाई करते हुए कहा, ‘वेंकी भाई, कई बार मैसेज समझने में अर्थ का अनर्थ हो जाता है। आप यहां कह रहे हैं मैं अपने यू-ट्यूब चैनल पर। मैं आपको एक वीडियो चैट के लिए आमंत्रित करता हूं…हम इसे लाइव कर सकते हैं। विचारों में अंतर अच्छा है… इसे ठीक से करने दें। मेरे पास कोई प्रायोजक नहीं होगा और कोई भी इससे पैसा नहीं कमाएगा। इसके लिए तैयार हूं? आपके पास मेरा नम्बर है।
21 फरवरी की शाम अपने लगातार ट्वीट्स में वेंकेटश प्रसाद ने कहा, ‘तो मेरे दोस्त आकाश चोपड़ा ने आज सुबह यूट्यूब पर एक घटिया वीडियो बनाने के बाद मुझे एजेंडा चलाने वाला कहा। यह वही हैं जो रोहित को टीम से बाहर करना चाहते थे। मेरा किसी खिलाड़ी के खिलाफ कोई एजेंडा नहीं है। विचारों का अंतर ठीक है, लेकिन विपरीत विचारों को अपना व्यक्तिगत एजेंडा और ट्विटर पर मत लाएं कहना हास्यास्पद है और आपने तो अपने विचारों को प्रसारित करके एक शानदार करियर बनाया है।
वेंकटेश आगे ट्वीट में कहते हैं, ‘मेरे पास केएल या किसी अन्य खिलाड़ी के लिए कोई व्यक्तिगत खुन्नस नहीं। मेरी आवाज अनुचित चयन और प्रदर्शन करने वालों के लिए अलग-अलग मानदंडों के खिलाफ है। सरफराज हो या कुलदीप, योग्यता के आधार पर मैंने सभी के लिए आवाज उठाई, लेकिन आकाश को इसे निजी एजेंडा बताते हुए देखना निराशाजनक था। जब रोहित 24 साल के थे और उनका इंटरनेशनल करियर सिर्फ चार साल का था, तब आकाश उन पर कटाक्ष कर सकते थे, लेकिन मैं 31 वर्षीय प्लेयर जिसका अंतरराष्ट्रीय करियर 8 साल पुराना है, उसके खराब प्रदर्शन का जिक्र भी नहीं कर सकता।
आकाश का तर्क है कि हमें किसी ऐसे प्लेयर की व्यक्तिगत रूप से आलोचना नहीं करनी चाहिए, जो मौजूदा दौर में खेल रहा हो तो मेरे लिए यह सलाह मायने नहीं रखती, क्योंकि इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ता है। अधिकांश खिलाड़ी मैच के बाद भी ये सब नहीं पढ़ते हैं और कोई भी खिलाड़ी मैच के बीच में पढ़ नहीं सकता क्योंकि फोन जमा हो जाते हैं। मैं आकाश की उसके यूट्यूब चैनल पर की गई कड़ी मेहनत के लिए प्रशंसा करता हूं, लेकिन एक अलग दृष्टिकोण को एजेंडा कहना घटिया है। हमारे बीच कोई कड़वाहट नहीं है और चूंकि उनका वीडियो पब्लिक डोमेन में था इसलिए मैं अपनी बात यहां रखना चाहता था। शुभकामनाएं