कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यहां के एसएमएस अस्पताल में दलित इंजीनियर हर्षादिपति वाल्मीकि से मुलाकात की। इन दोनों नेताओं ने इस मामले में आरोपी विधायक को भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाने की आलोचना की और इसे उसकी दलित विरोध सोच का नमूना बताया।
हर्षाधिपति को पिछले साल धौलपुर में बाड़ी के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर बेरहमी से पीटा था। कांग्रेस ने अपने विधायक मलिंगा को इस विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। मलिंगा बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए जिसने उन्हें बाड़ी से उम्मीदवार बनाया है। राज्य में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं।
बिजली विभाग में सहायक अभियंता अब भी यहां उपचाराधीन हैं और चल फिर नहीं सकते। उनसे मुलाकात के बाद खरगे व गहलोत ने मलिंगा को टिकट देने के लिए भाजपा पर निशाना साधा।
खरगे ने कहा कि इस घटना की वजह से कांग्रेस ने अपने ही विधायक मलिंगा को टिकट नहीं दिया था तो वह भाजपा में शामिल हो गए और उसी दिन उन्हें टिकट मिल गया।
उन्होंने कहा,‘‘हम ऐसे लोगों को दूर रखना चाहते हैं। हमने टिकट काट दिया। वहीं भाजपा एक तरफ तो बोलती है कि हम गरीबों की रक्षा करते हैं, हमारे प्रधानमंत्री जी तो हमेशा बोलते हैं कि गरीब के साथ हैं लेकिन यहां तो वह मर रहा है जिसे उसने मारा है। ऐसे आदमी को अगर भाजपा टिकट देती है तो यह शर्मनाक है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
उन्होंने कहा,‘‘इस देश में ऐसी घटनाएं अनुसूचित जाति के लोगों व गरीबों के साथ हो रही हैं। ऐसी सामाजिक स्थिति है इस देश में कि एक वर्ग को घृणा व नफरत की दृष्टि से देखा जाता है। यह अच्छा नहीं है।’’
गहलोत ने भी मलिंगा को टिकट देने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,‘‘भाजपा ने तो काला अध्याय लिख दिया है राजस्थान की राजनीति में। जिस घटना की उसने आलोचना की थी उसके ही आरोपी को पार्टी ज्वाइन करवाकर गले लगाया, लड्डू खाये, सब कुछ किया और टिकट दे दी।’’
उन्होंने कहा,‘‘ सरकार गिराने के लिए किस हद तक गिर सकती है भाजपा उसका यह नमूना है। अब जनता फैसले करे कि भाजपा की सोच क्या है.. यह दलित विरोधी सोच है।’’
गौरतलब है कि धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे में 28 मार्च को बिजली निगम के कार्यालय में सहायक अभियंता हर्षादिपति व कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की गई थी। वारदात के दूसरे दिन हर्षादिपति द्वारा दिए गए पर्चा बयान के आधार पर विधायक मलिंगा समेत करीब एक दर्जन लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।