दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक हो रही है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने नये महासचिव और प्रभारी को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी।कांग्रेस अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछली 2 CWC मीटिंग में मैंने संगठनात्मक बदलाव की बात कही थी। इस संबंध में कई फैसले लिए गए हैं। जल्द ही कुछ और फैसले लिए जाएंगे। जल्द से जल्द प्रदेश मुख्यालय से लेकर बूथ तक संगठन को मजबूत करना आपकी जिम्मेदारी है। इस काम के लिए आपको खुद बूथ पर जाना होगा, मेहनत करनी होगी, कार्यकर्ताओं से संवाद करना होगा। हमारे फ्रंटल्स-सेल्स को शामिल करना होगा। मैं खास तौर पर INTUC के बारे में कहना चाहता हूं कि वे हमारे अहम अंग हैं, उन्हें भी संगठन निर्माण में शामिल करें। आज AICC General Secretaries और Incharges की बैठक में मेरे शुरूआती वक्तव्य के कुछ अंश – हमें काँग्रेस पार्टी की ideology के COMMITTED ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए जो विपरीत माहौल में भी चटटान की तरह हमारे साथ खड़े हैं।मैं यहां एक सबसे जरूरी बात Accountability के बारे में भी… pic.twitter.com/UcJp3QPWoc— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 19, 2025
खड़गे ने आगे कहा कि अगर आप खुद जमीनी स्तर पर बूथ, मंडल, ब्लॉक, जिला, राज्य स्तर पर जाएंगे तो वहां नए लोगों को जोड़ पाएंगे। आप अपने साथ भरोसेमंद और वैचारिक रूप से मजबूत लोगों को ला पाएंगे। आप ऐसे लोगों को आगे ला सकते हैं जो पार्टी के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। हमें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो विपरीत परिस्थितियों में भी चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े हों। कई बार जल्दबाजी में पार्टी को मजबूत करने के लिए कई लोगों को शामिल कर लिया जाता है। लेकिन विचारधारा में कमजोर लोग मुश्किल के समय भाग जाते हैं। ‘असल फिसल पड़े और नकल चल पड़े’ ये पुरानी कहावत है, ऐसे लोगों से हम दूर रहें। उन्होंने आगे कहा कि मैं आप सभी को यहां एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहूंगा, जवाबदेही। आप सभी अपने प्रभार वाले राज्यों के संगठन और भावी चुनाव परिणामों के लिए जवाबदेह होंगे। आप सभी जानते हैं कि हमारा “संविधान बचाओ अभियान” चल रहा है। हमने बेलगाम में जय बापू, जय भीम, जय संविधान कार्यक्रम तय किया था। यह अगले एक साल तक चलेगा। इसके तहत पदयात्रा, संवाद, कॉर्नर मीटिंग जैसी गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं। लेकिन ऐसे हर कार्यक्रम का उद्देश्य संगठन का सशक्तिकरण होना चाहिए।इस बीच हमारे सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। आप जानते हैं कि इन दिनों चुनावों में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी की जा रही है। राहुल गांधी ने लोकसभा में इसको लेकर सवाल भी उठाया था। आप सभी को एहसास होगा कि इन दिनों हमारे समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाते हैं। या फिर नाम हटाकर बगल के बूथ से जोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले भाजपा द्वारा नए नाम जोड़े जाते हैं। इस धांधली को हर कीमत पर रोकना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश को भी शामिल किया गया था। मोदी जी ने उन्हें भी हटा दिया। सरकार को देश के मुख्य न्यायाधीश की निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है। इस मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, उससे पहले ही सरकार ने नए सीईसी की घोषणा कर दी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि राहुल जी ने यह भी कहा कि ऐसी चयन समिति का क्या फायदा, जहां आप एलओपी का इस्तेमाल सिर्फ सर्टिफिकेशन के लिए कर रहे हैं? इन बातों के साथ-साथ देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। महंगाई और बेरोजगारी एक स्थायी मुद्दा बना हुआ है। मोदी सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है। मोदी जी की यात्रा के बावजूद अमेरिका पहले की तरह भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर वापस भेज रहा है। शाकाहारी यात्रियों को नॉनवेज खाना दिया गया। हमारी सरकार इस अपमान का ठीक से विरोध करने में भी विफल रही। अमेरिका हमें आर्थिक मामलों में भी बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने हम पर नेगेटिव टैरिफ लगाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसका विरोध तक नहीं किया। वे हम पर जबरन घाटे का सौदा थोप रहे हैं, जिसे हमारी सरकार चुपचाप स्वीकार कर रही है। यह साफ तौर पर भारत और भारत के लोगों का अपमान है। अंत में मैं दिल्ली के अपने उम्मीदवारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि आपने बहुत मेहनत से चुनाव लड़ा। संसाधन की कमी थी, फिर भी मजबूती से चुनाव लड़ने का प्रयास किया। दिल्ली की जनता ने बदलाव के पक्ष में वोट दिया। अगला 5 साल हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम जनता के मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष और जन आंदोलन करके मुख्य विपक्ष की भूमिका में उभरने का प्रयास करें। इससे ही हम लोगों की पहली पसंद बनेंगे।