ऑस्‍ट्रेलियाई मंदिरों पर हमले कर रहे खालिस्‍तानियों को मिला करारा जवाब, भारतीयों ने सूरत बिगाड़ दी, जनमत संग्रह कल

मेलबर्न: ऑस्‍ट्रेलिया में भारतीयों के मंदिरों पर हमले कर रहे खालिस्‍तान समर्थकों को करारा जवाब मिला है। ऑस्‍ट्रेलिया में खालिस्‍तानी लगातार अपने विवादित पोस्‍टर लगा रहे हैं और जनमत संग्रह कराना चाहते हैं। खालिस्‍तानियों ने हिंदुओं के 3 मंदिरों को निशाना बनाया है और लगातार भारत के खिलाफ जहरीले बयान दे रहे हैं। अब भारतीयों ने खालिस्‍तानियों के इस प्रोपेगेंडा वार को ध्‍वस्‍त कर दिया है। भारतीयों ने खालिस्‍तानियों के पोस्‍टरों को काला कर दिया है। इन पोस्‍टर में खालिस्‍तानियों ने आतंकी भ‍िंडरावाला को शहीद बताया है। भारतीयों के इस पलटवार से खालिस्‍तानी बौखलाए हुए हैं। पाकिस्‍तान के इशारे पर खालिस्‍तानी आतंकी रव‍िवार 29 जनवरी को ऑस्‍ट्रेलिया में कथित रेफरंडम कराना चाहते हैं। यह मेलबर्न शहर में फेडरेशन चौक पर होने जा रहा है। इस कथित जनमत संग्रह के ठीक पहले खालिस्‍तानियों ने मंदिरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद अब उन्‍हें भारतीयों ने भी करारा जवाब दिया है। उन्‍होंने खालिस्‍तान के समर्थन में लगे पोस्‍टर को काला कर दिया। इससे पहले भारतीय हिंदू समुदाय ने बताया था कि खालिस्‍तानियों ने हरे कृष्‍ण मंदिर में हमला किया और भारत के खिलाफ नारे लिख दिए थे।

संयुक्‍त राष्‍ट्र पर खालिस्‍तान को लेकर दबाव डाल रहे

ऑस्‍ट्रेलियाई हिंदू समुदाय ने कहा कि इसी तरह का खालिस्‍तानी हमला श्री शिव विष्‍णु मंदिर और श्री स्‍वामी नारायण मंदिर में भी किया गया। खालिस्‍तानियों के सरगना आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्‍नून ने दावा किया कि वह इन हमलों के पीछे नहीं है। पन्‍नून ने भारत के खिलाफ जहरीले बयान दिए। इस जनमत संग्रह के जरिए खालिस्‍तानी संयुक्‍त राष्‍ट्र पर खालिस्‍तान बनाने के लिए दबाव डालना चाहते हैं। उसने पीएम मोदी और भारत सरकार को धमकी भी दी। इससे पहले खालिस्‍तानियों ने कनाडा भी जनमत संग्रह कराया था और जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने इसे होने दिया था। खालिस्‍तानी पिछले 3 महीने से ऑस्‍ट्रेलिया में जनमत संग्रह के लिए प्रोपेगेंडा चलाए हुए हैं। 15 जनवरी को खालिस्‍तानियों ने कार रैली निकाली थी। इन खालिस्‍तानियों को पाकिस्‍तान की शह मिल रही है। बड़ी संख्‍या में विदेशों में बसे पाकिस्‍तानी दुनिया को भारतीय सिख बताते हैं और जनमत संग्रह में हिस्‍सा लेने पहुंच जाते हैं। कनाडा में हुए जनमत संग्रह पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी।