केजरीवाल के पास कोई मंत्रालय नहीं, CM रहते शीला दीक्षित ने पेश किया बजट, इन मंत्रालयों का था जिम्मा

नई दिल्ली: एक साथ दिल्ली में दो मंत्रियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद विभागों का बंटवारा बुधवार कर दिया गया। जल्द ही दो नए मंत्री कैबिनेट में शामिल किए जाएंगे। आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज का नाम इस लिस्ट में शामिल है। दिल्ली के सीएम अरविंद है। बीजेपी की ओर से इसको भी लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल खड़े हो रहे थे कि क्या अरविंद केजरीवाल कोई मंत्रालय संभालेंगे। अब इस सवाल पर भी विराम लग गया है। फिलहाल वह किसी मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। बीजेपी का इस मुद्दे पर कहना है कि जिम्मेदारी से बचने के डर से केजरीवाल किसी भी विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाल रहे हैं। वहीं इसके पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते शीला दीक्षित के पास कई अहम मंत्रालय थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने दिल्ली का बजट भी पेश किया था। 1998 से लेकर 2013 तक शीला दीक्षित लगातार दिल्ली की सीएम रहीं। वह लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। साल 2013 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने चुनाव से पहले दिल्ली का आखिरी बजट पेश किया। विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली का बजट पेश करते हुए शीला दीक्षित ने दिल्ली को किरोसिन मुक्त करने की घोषणा की थी। आखिरी बजट में मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में कुल 11 जिले होंगे। लगातार तीसरे साल उन्होंने यह बजट पेश किया था। इसके साथ ही उनके पास कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी।शीला दीक्षित के पास कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी जिनमें-गृह वित्त कला संस्कृतिपर्यटनयोजनापर्यावरणसामान्य प्रशासन विभागअन्य सभी विभाग जो किसी मंत्री को विशेष रूप से आवंटित नहीं किए गएमनीष सिसोदिया के पास राज्य के आधे से अधिक विभागों की जिम्मेदारी थी। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सियासी संकट के तौर पर उनकी गिरफ्तारी को देखा जा रहा है। सत्येंद्र जैन को जब जेल हुई तब उनके सभी मंत्रालय भी सिसोदिया को दे दिए गए थे। ऐसे में चर्चा चल रही थी कि मंत्रालयों का जिम्मा अब किसके पास जाएगा। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा यह कहा जा रहा था कि इस सियासी संकट के बीच हो सकता है कि केजरीवाल कुछ मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालें।