भारत में इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता हो रही है ऐसे में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व अधिक बढ़ गया है। जी20 के हर आयोजन में सराकर ने योग को भी शामिल कर इसका हिस्सा बनाया है। इसके जरिए सरकार भारतीय सभ्यता को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दे रही है। आम, खास, युवा, बुजुर्ग, महिला, बच्चे, आस्तिक, नास्तिक हर व्यक्ति योग के जरिए शरीर, ऊर्जा, मस्तिष्क और मनोभाव की को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। योग का भारत की प्राचीन धरोहरों में भी अहम योगदान रहा है। भारतीय संस्कृति कर्म प्रधान अध्यात्म से परिपूर्ण है। पूजा के साथ कर्म करने की परंपरा भारतीय समाज का हिस्सा रही है। योग अब सिर्फ जीवन का हिस्सा नहीं रह गया है, बल्कि जीवनशैली बन गया है। योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अलग से आयुष मंत्रालय बनाया। स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद के साथ योग और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को जोड़कर इसे वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया। भारत के लगातार किए जा रहे इन्हीं प्रयासों से 21 जून 2015 से विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परंपरा के रूप में रोगों से बचाव का एक अहम साधन बना है। आज विश्व को भी इस शक्ति का अहसास है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को समग्र रूप से रोकने में योग के महत्व के कारण भारत इस सभ्यतागत पहचान का अग्रणी बन गया है। आज योग वैश्विक सहयोग का आपसी आधार बन रहा है। योग अब एक वैश्विक उत्सव बन गया है। इस का संबंध सिर्फ एक व्यक्ति से नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है। जी20 की अध्यक्षता, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच योग दिवस का आयोजन बेहद खास है। योगी की खासियत है कि ये सिर्फ जीवन का हिस्सा नहीं बल्कि जीवनशैली बन गया है, जिसने मूलरूप से लोगों की कार्यक्षमता और उत्पादकता को बढ़ाया है।इस संबंध में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, “हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है। हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है। हमें योग को पाना भी है, हमें योग को अपनाना भी है। हमें योग को पनपाना भी है। जब हम योग को जीने लगेंगे, योग दिवस हमारे लिए योग करने का नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य, सुख और शांति का उत्सव बन जाएगा। भारत में बढ़ने लगा योग का वैश्विक बाजारभारत में योग का बाजार बढ़ रहा है। 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर का रिटेल फिटनेस सेवा बाजार है। 80 अरब अमेरिकी डॉलर के योग का बाजार आंका गया है। 154% योग से संबंधित उपकरणों का बाजार कोविड 19 के दौरान बढ़ा है। 5.8% की दर 2022-2030 के बीच बाजार की वार्षिक वृद्धि अनुमानित है www. grandviewresearch.com के एक अध्ययन के मुताबिक ये आंकडे है।योग में हो रही रिसर्च- योग के संबंध में 100 जिलों में स्थापित केंद्रों में शोध किए गए हैं जिसमें पाया गया कि मधुमेह यानी डायबिटीज को नियंत्रित करने में योग प्रभावी है।- योग की रिसर्च में सामने आया कि योग का अभ्यास करने वाले रोगियों में कैंसर के दोबारा उत्पन्न होने का जोखिम लगभग 15 प्रतिशत कम हुआ है।- न्यूरोलॉजी जर्नल इन माइग्रेन में एक शोध पत्र में प्रकाशित किया गया है जिसमें सामने आया कि योग के जरिए प्री डायबिटिक रिवर्सल भी संभव है।- आयुष अनुसंधान पोर्टल में भी योग व प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित 1426 शोध सूचीबद्ध हैं। इसमें 1003 तो चिकित्सा अनुसंधान ही हैं।25 करोड़ लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी का लक्ष्य- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 पर CYP आधारित मैत्रीपूर्ण योग प्रदर्शनों में प्रतिभागियों की संख्या लगभग पचासी लाख होने का अनुमान लगाया गया था जो 2019 IDY में बढ़कर लगभग नौ करोड़ हो गया है।- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 में यह संख्या करीब 12.06 करोड़ पर पहुंच गई जबकि 2022 में यह संख्या करीब 23.5 करोड़ थी।- इस वर्ष व्यापक जनभागीदारी के आधार पर लगभग 25 करोड़ लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी का अनुमान है।- इसका मतलब है कि अकेले भारत में ही 21 जून को CYP आधारित मैत्रीपूर्ण योग प्रदर्शनों में लगभग 250 मिलियन लोग यानी 25 करोड़ लोग भाग लेंगे।योग में प्रशिक्षण और शिक्षा- योग के प्रचार-प्रसार में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय मोरारजी देसाई योग संस्थान और अन्य संस्थानों में विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।- वर्तमान में देश के लगभग एक सौ तिरासी विश्वविद्यालयों में योग पर पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। ये विश्वविद्यालय वर्ष 2023 के लिए योग पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं।- योग प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए ही योग प्रमाणन बोर्ड या YCB का गठन किया गया था।- YCB के अनुसार, अब तक 9,600 से अधिक मूल्यांकन, 480 से अधिक परीक्षाएं, 14 से अधिक भाषा परीक्षण आयोजित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 56 से अधिक देशों के परीक्षार्थियों का मूल्यांकन किया गया है।- एक जानकारी के मुताबिक इस समय दुनिया में करीब तीन करोड़ योग साधक हैं। इस दशक के अंत तक इनकी संख्या 3.50 करोड़ तक पहुंच सकती है।- इसके साथ ही योग विभाग विदेशों में स्थित विश्वविद्यालयों में भी बनाए गए है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में, दुनिया भर में योग स्कूलों और योग स्टूडियो की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है।- अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की टॉप-10 लिस्ट में योग को 7वां स्थान मिला है। योग को अब भारत सरकार द्वारा एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी गई है।