Karnataka: बसवराज बोम्मई बोले, साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना ठीक नहीं, कांग्रेस SDPI और PFI की गिरफ्त में

कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर लगतार प्रचार जारी है। कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। वहीं, भाजपा सत्ता में वापसी को लेकर राज्य में खूब मेहनत कर रही है। राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है। इन सब के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम अपने कार्यक्रमों के आधार पर चुनाव लड़ते हैं, वे अपने वादों पर चुनाव लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में बेवजह जाति, धर्म और साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना ठीक नहीं है, यह कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति को दर्शाता है।  इसे भी पढ़ें: Tyagaraja Birth Anniversary: कर्नाटक संगीत के कवि त्यागराज का 4 मई को हुआ था जन्म, भगवान श्रीराम को समर्पित थे सभी गीतकर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज SDPI और PFI की गिरफ्त में है, और वह इससे बाहर नहीं निकल सकती। संवाददताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि एसडीपीआई, पीएफआई के खिलाफ बात करेंगे तो कांग्रेस के नेताओं को चिंता सताने लगेगी। उन्होंने कहा कि पीएफआई एसडीपीआई का दूसरा रूप है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने खुलेआम एसडीपीआई से समर्थन मांगा था। बोम्मई ने दावा किया कि SDPI और PFI कांग्रेस के समय में मजबूती से बढ़े। इससे पहले बोम्मई ने मंगलवार को कहा था कि अगर भगवान हनुमान के भक्त कांग्रेस के खिलाफ भड़क उठे तो देश से कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।  इसे भी पढ़ें: Tipu Sultan Death Anniversary: 18 साल की उम्र में टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के खिलाफ जीता था पहला युद्ध, शेर-ए-मैसूर का मिला था खिताबदरअसल, बसवराज बोम्मई कांग्रेस के घोषणापत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस का बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच समानताएं बनाना अनुचित है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी। बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का सवाल ही नहीं उठेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इस तरह के वादे उनकी (कांग्रेस) नीति को दर्शाते हैं। बजरंग दल एक सामाजिक और धार्मिक सेवा संगठन है। पीएफआई ने देश के खिलाफ काम किया है, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और उसके खिलाफ कई मामले एवं सबूत हैं। इसलिए पीएफआई की बजरंग दल से तुलना करना उचित नहीं है। पीएफआई पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है।’’