कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बनी हुई है। नेताओं का दलबदल भी जा रही है। इन सब के बीच वरिष्ठ जेडीएस नेता एटी रामास्वामी ने आज भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने हाल में ही जनता दल सेक्यूलर से इस्तीफा दिया था। अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद एटी रामास्वामी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। इसे कर्नाटक चुनाव से पहले जनता दल सेक्यूलर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसे भी पढ़ें: कर्नाटक चुनावों में लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय की अहम भूमिका क्यों रहती है?एटी रामास्वामी ने कहा कि मैं वास्तव में पार्टी (भाजपा) के काम करने के तरीके से प्रभावित हूं। मैं पैसे की ताकत का शिकार हूं क्योंकि मैं हमेशा अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की बात करता था। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं बिना किसी शर्त के बीजेपी में शामिल हो रहा हूं। मैं सिर्फ लोगों की सेवा करने का अवसर चाहता हूं। इससे पहले रामास्वामी ने यहां विधान सौध में विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा, क्योंकि विधानसभाध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी शहर में नहीं थे। वह अभी अपने गृहनगर सिरसी में हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रामास्वामी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे या कांग्रेस में। इसे भी पढ़ें: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होगी : मनीष तिवारीरामास्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा था कि मैंने अर्कलगुड के विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया है। मैंने अपना इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया है और विधानसभा अध्यक्ष के आने के बाद मैं उनसे मिलूंगा और उनसे इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध करूंगा। उन्होंने विधानसभा सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए जद (एस) को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीति नहीं की और पूरी ईमानदारी से राज्य एवं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा की है। रामास्वामी ने कहा, मैंने जद (एस) नहीं छोड़ा। उन्होंने खुद ही मुझे बाहर कर दिया… मैं धन बल का शिकार हुआ हूं।