उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के मडौली गांव में सोमवार शाम अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक घर में लगी आग में मरने वाली दो महिलाओं के परिवार ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज होने और डिप्टी सीएम से बात करने के बाद पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए शवों को ले जाने की अनुमति दे दी है।जिले के आला अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद परिवार माना, जिन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जल्द ही उनसे मिलने आएंगे। पाठक ने फोन पर परिवार से बातचीत भी की। जिले के अधिकारियों ने बताया कि घटना के सिलसिले में एक जेसीबी चालक और एक लेखपाल को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। फिलहाल गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है।बता दें कि कानपुर देहात के मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में समाज की जमीन पर कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी। सोमवार को इसी कब्जे को हटाने प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची थी। दीक्षित और उनके परिवार ने बुलडोजर दस्ते का जमककर विरोध किया। अपने झोपड़े को गिरने से बचाने के लिए कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और उनकी बेटी नेहा ने खुद को उसके अंदर बंद कर लिया।इसके बाद भी अधिकारी हालात नहीं समझ सके औऱ बुलडोजर चला दिया। बुलडोजर ने पहले नल और मंदिर को गिराया और फिर घर का छप्पर गिराया। छप्पर गिरते ही उसमें आग लग गई, जिसकी चपेट में आने से कृष्ण गोपाल की पत्नी और 23 साल की बेटी की जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि खुद कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए। कानपुर देहात की इस घटना पर गांव के लोग भड़क गए। देखते ही देखते मामले ने गंभीर रूप ले लिया, जिसके बाद अधिकारी परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।