इंदौर टैस्‍ट में भारत हार के द्वार पर, पिच की कारस्‍तानी देख उठ रहे BCCI की नीति पर सवाल

इंदौर: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर का तीसरा टेस्ट मैच एक बार फिर तीन दिन के भीतर समाप्त होने की कगार पर है। इंदौर में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे ही दिन 30 विकेट गिर गए, जिसमें स्पिनरों का दबदबा रहा।

मुकाबले में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर इस उम्मीद के साथ बल्लेबाजी चुनी थी कि चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया के सामने मुश्किल चुनौती रखेंगे लेकिन मेजबान टीम अब अपने ही जाल में फंस गई है। पहली पारी में 109 रनों पर सिमटने के बाद दूसरी पारी में भी टीम इंडिया 163 रन पर सिमट गई है। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए मैच में सिर्फ 76 रनों का लक्ष्य मिला है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी में 197 रन बनाई थी।

एक बार फिर से पिच को लेकर अब किच-किच शुरू हो चुकी है। क्या सीरीज की सबसे खराब पीच बनी है?दो ही दिन में बल्लेबाजों की हालत खराब होने के कारण अब इंदौर में खेले जा रहे टेस्ट मैच की पिच बड़े सवाल उठने लगे हैं। सीरीज के पहले ही मैच से ऑस्ट्रेलिया की मीडिया पिच को लेकर निशाना तो साध ही रही थी अब भारतीय क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी इस तरह की पिच की आलोचना कर रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिरी बीसीसीआई इस तरह की पिच को बनाने की मंजूरी कैसे दे सकती है। इंदौर टेस्ट के पहले दिन के पहले ही घंटे से गेंद इस तरह घूम रही थी कि बल्लेबाज देखकर चकरा रहे थे। नतीजा ये हुआ भारत ने जिस उम्मीद के साथ पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था वह उस पर उल्टा पड़ गया।

इंदौर टेस्ट के दूसरे दिन तीन पारी समाप्त हो चुकी है। इसका मतलब ये नहीं है कि बल्लेबाजों को बैटिंग करना नहीं आता है या फिर स्पिन गेंदबाजों ने बहुत ही चमत्कारिक खेल दिखाया है। यहां पूरा खेल पिच को लेकर है। जिस स्पिन की मददगार पिच पर खेल के चौथे और पांचवें दिन गेंद असामान्य टर्न लेती हुई दिखती थी वह अब खत्म हो चुका है। इंदौर टेस्ट के पहले ही दिन पिच पर टर्न और असामान्य उछाल के कारण बल्लेबाज परेशान हैं, जिसका नतीजा यह हुआ कि कोई भी टीम 200 रन के स्कोर को भी पार नहीं कर पाई।

पहले दो टेस्ट मैच में कैसी थी पिच?ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज 2023 का पहला मैच नागपुर में खेला गया था। यहां की पिच भी स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार थी लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने दमदार खेल का प्रदर्शन किया। भारतीय बल्लेबाजों ने 419 रन का स्कोर खड़ा किया था जिसके बाद टीम ने पारी और 132 रन से जीत दर्ज की थी।

दूसरा मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में हुआ था।यहां की पिच की भी आलोचना हुई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखें तो वह बहुत ही खराब रहा था। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्वीप शॉट के प्रयास में अपना विकेट आसानी गंवाते रहे लेकिन इंदौर की पिच पहले दो मैचों से भी अधिक खराब बताई जा रही है जबकि मैच से पहले कहा जा रहा था कि नागपुर और दिल्ली से तीसरे मैच के लिए पिच अच्छी होगी।

बीसीसीआई को इस पर ध्यान देना होगा कि अगर भारत में टेस्ट मैच की रोचकता को बनाकर रखनी है तो कम से कम पिच को ऐसा तैयार करें जिससे की मुकाबले का अंत चौथे या पांचवें दिन में हो। क्योंकि ये वही टीम इंडिया है जो ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में जाकर टेस्ट सीरीज हराती है जबकि वहां की पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार थी।इस तरह अब टीम इंडिया को सोचना होगा कि हमारी ताकत बेशक स्पिन गेंदबाजों को बेहतर खेलना हो सकता है कि लेकिन लाल गेंद क्रिकेट में यह ताकत ही हमारी कमजोरी बन सकती है जैसा कि इंदौर टेस्ट मैच में देखने को मिल रहा है।