नई दिल्ली : के मुद्दे पर कनाडा से तनातनी के बीच भिंडरावाले से जुड़ी सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। रॉ में अधिकारी रहे जीबीएसस सिद्धू ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता कमलनाथ, संजय गांधी और उनके ग्रुप के लोग भिंडरावाले को फंडिंग करते थे। एक इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा कि मैं उस समय कनाडा में तैनात था। वहां लोग अक्सर ये चर्चा करते थे कि क्यों कांग्रेस भिंडरावाले के साथ नजदीकियां बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आखिरकार कुलदीप नैयर ने अपनी किताब में इस बारे में लिखा था। सिद्धू का यह इंटरव्यू इस साल अगस्त महीने का है। राजनीतिक फायदे के लिए भिंडरावाले को फंडिंगसिद्धू ने कहा कि उस समय भिंडरावाले खालिस्तान का तरीका अपनाया गया था। वे हिंदुओं को डराने के लिए भिंडरावाले का इस्तेमाल करेंगे। खालिस्तान का एक नया मुद्दा बनाया जाएगा जो उस समय अस्तित्व में नहीं था। इससे भारत की बड़ी आबादी यह सोचने लगे कि देश की अखंडता को खतरा होगा। सिद्धू ने कहा कि मैं उस समय कनाडा में था। लोग बात करते थे कि कांग्रेस भिंडरावाले से क्यों मुहब्बत कर रही है। उन्होंने बताया कि कमलनाथ ने कहा कि हम एक बहुत ही हाई-प्रोफाइल संत को भर्ती करना चाहता हैं जो हमारी बात मान सके। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने (कमलनाथ) कहा था – हम उन्हें पैसे भेजते थे। कमल नाथ और संजय गांधी ने भिंडरावाले को पैसा भेजा… भिंडरावाले ने अपने जीवन में कभी खालिस्तान नहीं मांगा, वह केवल यही कहता था – ‘अगर बीबी, यानी इंदिरा गांधी, मेरी झोली में डाल देगी तो ना भी नहीं करूंगा’… वे चाहते थे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भिंडरावाले का उपयोग करना। रॉ के स्पेशल सेक्रेट्री रहे हैं सिद्धू भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड एडब्ल्यू) के पूर्व विशेष सचिव रहे हैं। सिद्धू ने 26 साल तक रॉ के साथ काम किया है। वह 1998 में रॉ से रिटायर हुए थे। वह गंगटोक में रॉ स्टेशन के हेड भी रहे हैं। सिद्धू खालिस्तान आंदोलन से जुड़ी घटनाओं पर किताब ‘द खालिस्तान कॉन्सपिरेसी’ (The Khalistan Conspiracy) भी लिख चुके हैं। अपनी किताब में उन्होंने खालिस्तान आंदोलन के पीछे की वजह, ऑपरेशन ब्लू स्टार, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जिक्र किया है।इसके बाद 1984 और उसके बाद फैली सिख विरोधी हिंसा को भी बताया है। सिद्धू ने सिक्किम पर एक किताब Sikkim: Dawn of Democracy भी लिखी थी।