संभल हिंसा की जांच के लिए पहुंची न्‍यायिक आयोग की टीम, भारी सुरक्षा के बीच जामा मस्जिद इलाके का कर रहे मुआयना

संभल: यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की जांच के लिए न्‍यायिक आयोग की टीम रविवार को पहुंच चुकी है। टीम के सदस्‍य पूरे इलाके का मुआयना कर रहे हैं। सुबह 10 बजे टीम के संभल पहुंचने से पहले मस्जिद के बाहर कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था कर दी गई। न्‍यायिक आयोग में तीन सदस्‍य हैं। ये प्रमुख रूप से चार बिंदुओं पर अपनी जांच करेंगे। क्‍या हिंसा किसी साजिश के तहत सुनियोजित थी। क्‍या पुलिस सुरक्षा पर्याप्‍त थी। किन कारणों से और किन हालात में हिंसा हुई, इसकी वजह क्‍या थी। आगे भविष्‍य में इस तरह की घटना न घटे इसके लिए क्‍या उपाय हो सकते हैं। ये चार प्रमुख बिंद हैं जिस पर न्‍यायिक आयोग अपनी जांच पूरी करेगा। तीन सदस्‍यीय आयोग में कौन-कौन है?गौरतलब है कि संभल हिंसा की जांच के लिए यूपी सरकार ने रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्‍यक्षता में तीन सदस्‍यीय न्‍यायिक आयोग का गठन किया है। रिटायर्ड आईपीएस एके जैन और रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन भी इस आयोग के सदस्‍य हैं। बीते 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। संभल में एंट्री पर 10 दिसंबर तक रोकइस बीच, जिले में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी। निषेधाज्ञा को भी 1 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। शनिवार को मुजफ्फरनगर से समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद हरेंद्र मलिक को गाजियाबाद से संभल आने से रोक दिया गया। SP ने नेताओं को रोकने की निंदा की है। SP ने मृतकों के परिजनों को से 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया और सरकार से उन्‍हें 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। DM ने कहा कि जिले में साइबर कैफे एक रजिस्टर रखेंगे जिसमें हर ग्राहक के नाम लिखे जाएंगे। संभल में कोई भी सार्वजनिक स्थल पर पुतला नहीं फूंकेगा।