जम्मू-कश्मीर: पुलिस ने खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान को कठुआ जाने से रोका

पंजाब के संगरूर से लोकसभा सांसद और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान को जम्मू-कश्मीर में घुसने से रोक दिया गया. वह कठुआ जाने वाले थे लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें लखनपुर में ही रोक दिया. इस मामले में एसएसपी कठुआ ने नोटिस जारी कर कहा कि उनकी यात्रा से अशांति पैदा होने की संभावना है, इसलिए उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि यह अवैध आदेश है. एक सांसद को क्यों रोका जा रहा है?
इसके बाद लखनपुर में जबरदस्त हंगामा हुआ. मान ने पुलिस से कहा कि मैं जम्मू में अपने कार्यकर्ताओं से मिलने जा रहा हूं. मुझे क्यों रोका जा रहा है. इस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि उनके पास सरकार का नोटिस है आपको राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इस दौरान मान और पुलिस के बीच बहस हुई. सिमरनजीत सिंह मान के समर्थकों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी.

Jammu and Kashmir | Police prohibit the entry of MP from Punjab’s Sangrur, Simranjit Singh Maan into Kathua, stating that his visit is “likely to cause disturbance in public tranquillity”
It’s an illegal order. Why are they stopping an MP?: Simranjit Singh Maan pic.twitter.com/0UBw09jpLm
— ANI (@ANI) October 17, 2022

सिमरनजीत सिंह मान ने की थी खालिस्तान देश की मांग
सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तान समर्थक माने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने खालिस्तान देश की मांग की थी. उनके इस बयान के बाद देश की सियासत गरमा गई थी. पंजाब के संगरूर से नवनिर्वाचित सांसद ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि वे भारत को बरकरार रख सकते हैं या नहीं. अगर ये अपनी धरती को पाकिस्तान और चीन को दे रहे हैं. वैसे ही ये अगर खालिस्तान को मंजूरी देंगे तो ये परमाणु-सक्षम भारत, पाकिस्तान और चीन के लिए एक बफर राज्य बन जाएगा. इसके कारण दक्षिण एशिया में कभी भी परमाणु युद्ध नहीं होगा.’
23 साल बाद संगरूर से जीता लोकसभा चुनाव
संगरूर लोकसभा उपचुनाव में सिमरनजीत सिंह मान ने आप उम्मीदवार गुरमेल सिंह को 5822 मतों के अंतर से हराया था. 23 साल बाद उन्होंने यहां से जीत हासिल की. सिमरनजीत सिंह ने 1999 में इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था और उसके बाद से उनके लिए सूखा पड़ा था. 2014 में तो उनकी जमानत जब्त हो गई थी. तब वे खडूर साहिब लोकसभा सीट से मैदान में उतरे थे. राजनीति में वे सक्रिय तो थे, लेकिन चुनाव में जीत का स्वाद चखे उन्हें वर्षों हो गए थे. आखिरकार 23 साल बाद यह सूखा समाप्त हुआ और 2022 में उन्होंने जीत दर्ज की और दोबारा राजनीति में सक्रिय हुए.