‘जाति आधारित गणना का डेटा JDU ने किया लीक’ बीजेपी के आरोप पर बिहार में सियासी संग्राम

पटना: बिहार में जाति जनगणना के आंकड़ों पर नए सिरे से सियासी घमासान छिड़ गया है। बीजेपी ने जेडीयू पर गणना के आंकड़ों को लीक करने का आरोप लगाया है। दरअसलराष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया था कि बिहार में जाति सर्वेक्षण के लिए एजेंट उनका डेटा इकट्ठा करने उनके घर नहीं आए थे। इसको लेकर जेडीयू एमएलसी और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने बुधवार को डेटा जारी करते हुए दावा कर दिया कि यह उपेंद्र कुशवाहा से संबंधित है। मीडिया के सामने पांच बिंदुओं का डेटा जारी करते हुए नीरज कुमार ने कहा, ‘सोमवार को जारी जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा का क्रमांक 130, मकान नंबर 079, घर 1, परिवार के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा, परिवार के सदस्यों की संख्या 5 और परिवार क्रमांक 1 है।’ JDU नेता के पास कैसे पहुंच गया गोपनीय डेटा?डेटा जारी करने के बाद नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा का दावा कि सर्वे एजेंट उनके दरवाजे तक नहीं पहुंचे, बिल्कुल गलत है। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा था कि उनके जैसे कई लोगों को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा है क्योंकि सर्वेक्षण एजेंट उनके दरवाजे तक नहीं पहुंचे। लेकिन इसके बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने बड़ा आरोप जड़ दिया। उन्होंने कहा कि ‘नीरज कुमार ने डेटा की गोपनीयता का उल्लंघन किया है। जब बिहार सरकार ने कोर्ट में शपथपत्र देकर जाति आधारित सर्वे के आंकड़े सार्वजनिक न करने की बात कही थी, तो फिर जदयू नेता के पास ये आंकड़े कहां से आ गए।’ आपको बता दें कि जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के दौरान प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार ने कहा था कि राज्य सरकार व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता बनाए रखेगी।MLC नीरज कुमार की सफाईसुशील मोदी के आरोप के बाद JDU MLC नीरज कुमार ने भी सफाई दी है। उनके मुताबिक ‘मेरे द्वारा दी गई जानकारी पब्लिक डोमेन में है। जिसकी आस पड़ोस के लोगों से भी पुष्टि होती है। िजसमें मकान संख्या, परिवार के प्रधान, घर परिवार के सदस्यों की संख्या बताई गई है । माननीय न्यायालय के समक्ष दिए गए वचन की अवहेलना की जाने की बात बिल्कुल तर्कहीन है। उनका मकान नंबर पब्लिक डोमेन में है। तो इसमें निजता के उलंघन की बात कहां से आ गई। माननीय सुशील मोदी जी जिसके आधार पर आप निजता के उलंघन की बात कर रहे हैं, आपको पता होना चाहिए कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी से जुड़ी सारी जानकारी चुनावी प्रपत्र में, विकिपीडिया में उपलब्ध रहती है। ये पब्लिक डोमेन में भी रहती है। (न्यूज एजेंसी IANS Hindi के इनपुट के साथ)