आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों से संबंधित मसौदा अधिसूचना को कानून में बदलने के लिए महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखने के अपने फैसले की रविवार को पुष्टि की।
जरांगे ने शनिवार को जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अपना आंदोलन शुरू किया था। एक साल से भी कम समय में यह चौथी बार है जब वह मराठा समुदाय को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समूह के तहत शामिल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं।
जरांगे (40) ने शनिवार को कहा था, “सरकार को दो दिन में राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और ‘ऋषि सोयरे’ (रक्त संबंधियों) के संबंध में कानून लाना चाहिए। सरकार को उन 57 लाख लोगों को (ओबीसी) जाति प्रमाणपत्र जारी करना चाहिए जिनके पास कुनबी होने का रिकॉर्ड है।