
यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद रूस से तेल आयात पर भारत पर यूरोप सवाल उठाता रहा है। यह और बात है कि वह खुद रूस से तेल का बड़ा इम्पोर्टर रहा है। एस जयशंकर पहले भी इसे लेकर यूरोप को लताड़ लगा चुके हैं कि वह दूसरों को सिखाने से पहले अपने गिरेबान पर नजर डाले।
सोमवार को विदेश मंत्री ने इस पर फिर यूरोप को आईना दिखाया। रूस से ईंधन आयात पर जयशंकर ने कहा कि यूरोप ने उन 10 देशों को मिलाकर रूस से ज्यादा तेल, गैस और कोयले का आयात किया है जो इस मामले में उसके बाद आते हैं। फरवरी से नवंबर के बीच यूरोपीय यूनियन ने ऐसा किया है। यूरोप भारत की ऊर्जा जरूरतों को तय नहीं कर कर सकता है। वह यह भी नहीं बता सकता है कि भारत क्या कहा से खरीदेगा। खुद वह कुछ करे और भारत से कुछ करने के लिए कहे। इस चीज को समझने की जरूरत है।
भारत से यूरोप के आयात की तुलना करते हुए जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देशों का ऑयल इम्पोर्ट भारत की तुलना में 5 से 6 गुना ज्यादा है। गैस तो अनगिनत गुना ज्यादा है क्योंकि भारत इसका आयात नहीं करता है। कोयला आयात भारत की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा है।