जयशंकर ने मुंबई हमले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान को किया नंगा तो बौखलाए बिलावल, उगला जहर

इस्‍लामाबाद/वॉशिंगटन: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ में पाकिस्‍तान की बखिया उधेड़कर रख दी। जयशंकर ने न केवल पाकिस्‍तान की विदेश राज्‍य मंत्री हिना रब्‍बानी खार की बोलती बंद की बल्कि पाकिस्‍तानी आतंकवाद की पोल खोलकर उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया। यही नहीं मुंबई हमले की पीड़‍ित नर्स अंजलि कुलथे ने पाकिस्‍तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब और अन्‍य आतंकियों की हैवानियत का आंखों देखा हाल भी पूरे विश्‍व को बताया। भारत के इस तीखे वार से पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी बौखला गए और उन्‍होंने आरोपों का जवाब देने की बजाय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात दंगों को लेकर निजी हमला कर दिया। बिलावल के इस बयान से कई पाकिस्‍तानी भी भौचक्‍का हैं।

बिलावल भुट्टो ने आरोप लगाया कि भारत की मोदी सरकार गांधी जी के विचारधारा को नहीं, बल्कि गोडसे को मानती है। भारत सरकार हिटलर की विचारधारा से प्रभावित है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने दावा किया कि उनके देश में आतंकवादी तत्‍वों को भारत समर्थन दे रहा है जो बलूचिस्‍तान में अस्थिरता बढाने का प्रयास है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत हाफिज सईद के जौहर टाउन स्थित घर के बाहर हुए ब्‍लास्‍ट में शामिल है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्‍तान के आतंकी तत्‍वों को वित्‍तीय मदद दे रहा है। इससे पहले पाकिस्‍तानी विदेश राज्‍य मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने भारत के खिलाफ डोजियर पेश किया था और आरोप लगाया भारत आतंकवाद को भड़का रहा है।

‘मुंबई का 26/11’ दोबारा नहीं होने दे सकते

पाकिस्‍तानी पत्रकार ने जब संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारतीय विदेश मंत्री से सवाल किया तो उन्‍होंने ऐसा जवाब दिया कि उसकी बोलती ही बंद हो गई। जयशंकर ने कहा, ‘आप गलत मंत्री से सवाल कर रहे हैं। यह पाकिस्‍तान के मंत्री हैं जो यह बताएंगे कि पाकिस्‍तान कितने लंबे समय तक आतंकवाद को फैलाने का इरादा रखता है। दुनिया मूर्ख नहीं है और जो देश आतंकवाद में संलिप्‍त हैं, ऐसे देशों को दुनिया को इसे बंद करने के लिए कहना चाहिए। मेरी सलाह है कि आप अपने काम को साफ करिए। कृपया एक अच्‍छे पड़ोसी बनने का प्रयास कर‍िए। आशा करता हूं कि आपके चैनल के जरिए मेरा यह संदेश पहुंच जाएगा।’

जयशंकर ने गुरुवार को चीन और पाकिस्तान की ओर से अपनाए जा रहे आतंकवाद को लेकर दोहरे मापदंड पर भी निशाना साधा। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सामूहिक रूप से उन देशों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो इससे राजनीतिक रूप से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, हम ‘न्यूयॉर्क का 9/11 या मुंबई का 26/11′ दोबारा नहीं होने दे सकते। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला दिया- हम मानते हैं कि एक भी हमला बहुत अधिक है और यहां तक कि एक जीवन को खोना भी बहुत अधिक है। इसलिए जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने चीन, पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, चुनौती यह है कि हम इस परिषद के अंदर और बाहर दोहरे मानकों से कैसे निपटें।’

नर्स अंजलि विजय कुलथे ने बताई मुंबई हमले की भयावहता

उन्होंने कहा, ‘अप्रिय वास्तविकताओं को कम करने के लिए जो भी चमक-दमक लागू की जा सकती है, आतंकवाद का समकालीन उपरिकेंद्र अभी भी बहुत जीवंत और सक्रिय है, और हम यह नहीं भूल सकते कि पुरानी आदतें और स्थापित नेटवर्क अभी भी जीवित हैं, विशेष रूप से दक्षिण एशिया में।’ पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंधों को चीन द्वारा अवरुद्ध करने के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में दोहरे मानदंड हैं। जयशंकर ने कहा कि आतंकवादियों को मंजूरी देने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए समान मानदंड लागू नहीं होते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि आतंकवाद का स्वामित्व उसके अपराध या उसके परिणामों से अधिक महत्वपूर्ण है। बहुत लंबे समय से, कुछ लोग इस द्दष्टिकोण के साथ बने रहे हैं कि आतंकवाद केवल एक अन्य साधन या युक्ति है। आतंकवाद में निवेश करने वालों ने इस तरह के निंदक को जारी रखने के लिए इस्तेमाल किया है।

विदेश मंत्री जयशंकर के बोलने से पहले, मुंबई में कामा और अल्बलेस अस्पताल की नर्स अंजलि विजय कुलथे ने परिषद को 26/11 को आतंकवादियों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ के बारे में बताया। अंजलि ने बताया कि कैसे उसने चिकित्सा केंद्र में माताओं, होने वाली नवजात शिशुओं को बचाने के लिए काम किया। जयशंकर ने परिषद से अपने आतंकवाद विरोधी एजेंडे को फिर से मजबूत करने के लिए कहा। और यह अतिदेय है क्योंकि आतंकवाद का खतरा वास्तव में और भी गंभीर हो गया है। उन्होंने आतंकवादियों द्वारा अपनाई जा रही नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के खिलाफ सतर्कता बरतने का आह्वान किया।