New Delhi, 15 मार्च . Citizenship amendment law को लागू करने से रोकने की मांग का मामला आज Supreme court में उठा. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में है और सरकार ने इसे लागू कर दिया. उसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया.
आईयूएमएल के अलावा एक याचिका डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने दायर की है. याचिका में Citizenship amendment law को लागू करने से रोकने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर आप्रवासियों को नागरिकता देने का कानून धर्मनिरपेक्षता के मौलिक सिद्धांत का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि Citizenship amendment law के जरिये पहली बार देश में धर्म के आधार पर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अवैध आप्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है.
आईयूएमएल ने याचिका में कहा है कि यह Citizenship amendment law असंवैधानिक और मुसलमानों के खिलाफ है. यह कानून भेदभाव पूर्ण है. उल्लेखनीय है कि Central Governmentने 11 मार्च को Citizenship amendment law का नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन को आईयूएमएल ने Supreme court में चुनौती दी है.
/संजय