‘हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए’, दिल्ली में पहलवानों पर केस, क्या है आरोप?

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन और हंगामे को लेकर पहलवानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया था। उनमें से महिला पहलवानों साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट को छोड़ दिया गया है जबकि बजरंग पुनिया अब भी पुलिस हिरासत में ही हैं। सभी पहलवानों को पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर रखा था।रेसलर साक्षी मलिक ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। मलिक ने लिखा, ‘दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए।’ जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस मे पहलवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353 के तहत केस दर्ज किया है। क्या है प्रदर्शन की वजह?देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में पहलवानों की ओर से आज दिल्ली में ‘महिला सम्मान महापंचायत’ का आह्वान किया गया था। जिसको लेकर दिल्ली में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी ने कहा कि पहलवानों को हमने पहले कहा था कि आज कोई राष्ट्रविरोधी काम न करें, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी, हमने सभी को डिटेन कर लिया है और जंतर मंतर खाली करा दिया है।