पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने रविवार को कहा कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और लोहा, इस्पात, सीमेंट तथा परिवहन जैसे क्षेत्रों में कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए वित्त जैसे मामले अब भी चुनौती बने हुए हैं।
यादव ने यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2019 में निम्न कार्बन वाले उद्योग पर ध्यान केंद्रित करने वाली पहल ‘लीडआईटी’ (उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व) की शुरुआत के बाद से वैश्विक औद्योगिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वित्त जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाना बाकी है।’’
यादव ने चुनौतियों, विशेषकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए बौद्धिक संपदा के अधिकार जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सहयोगात्मक अंतरराष्ट्रीय तंत्र पर जोर दिया।
उन्होंने भारत-स्वीडन ‘लीडआईटी’ साझेदारी को जलवायु संकट से निपटनेऔर उद्योगों को पर्यावरण के साथ सामंजस्य बैठाने वाला करार दिया।