पेटीएम पर RBI के रुख में क्‍या नरमी की गुंजाइश है? गवर्नर शक्तिकांत दास के तेवरों से समझ‍िए

नई दिल्ली: (PPBL) के खिलाफ (RBI) के रुख में क्‍या नरमी की अब भी कोई गुंजाइश बची है? फिलहाल लग तो नहीं रहा है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने सोमवार को इसे लेकर बड़ी बात कही है। उन्‍होंने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा की शायद ही कोई गुंजाइश है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ बड़ा ऐक्‍शन लेते हुए उसे 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था।शक्तिकांत दास ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ ल‍िए गए ऐक्‍शन की समीक्षा के लिए ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है। उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई व्यापक मूल्यांकन के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है। दास ने इस बात पर जोर दिया कि रेगुलेटर फाइनेंशियल टेक्‍नोलॉजी (फिनटेक) क्षेत्र का समर्थन करता है। वह ग्राहकों के हितों की रक्षा के साथ ही वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक जल्द ही पेटीएम मामले पर एफएक्यू (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) जारी करेगा।पेटीएम पेमेंट्स बैंक का संकट क्‍या है? पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) का संकट 31 जनवरी 2024 को शुरू हुआ जब आरबीआई ने पेटीएम को नए ग्राहकों को जोड़ने और क्रेडिट/डेबिट कार्ड जारी करने से रोक दिया। बैंक ने यह कार्रवाई लगातार गैर-अनुपालन के कारण की थी।आरबीआई ने इतना कड़ा ऐक्‍शन क्‍यों लिया?तकनीकी खामियां: पेटीएम के बैंकिंग सिस्टम में कुछ तकनीकी खामियां थीं, जिसके कारण बैंकिंग नियमों का उल्लंघन हुआ था।डेटा सुरक्षा: डेटा सुरक्षा के मामले में भी पेटीएम कुछ मानकों पर खरा नहीं उतर पाया था।ग्राहक सेवा: बैंक की ग्राहक सेवा भी उचित स्तर की नहीं थी।संकट का असरनए ग्राहक: पेटीएम अब नए ग्राहकों को नहीं जोड़ सकता।वॉलेट: 29 फरवरी 2024 के बाद पेटीएम वॉलेट में पैसे जमा नहीं किए जा सकेंगे।कारोबार: पेटीएम के व्यापारियों को भी इस संकट का सामना करना पड़ रहा है।