साल में 25 लाख भी कोई सैलरी है… इन्‍वेस्‍टर की यह लंतरानी लोगों को नहीं आई रास, पलटकर दिया यह जवाब

नई दिल्‍ली: एक इन्‍वेस्‍टर ने मौजूदा सैलरी को लेकर बहस छेड़ दी है। उनका नाम है। वह शेयर मार्केट ट्रेडर और इन्‍वेस्‍टर हैं। उन्‍होंने दावा किया है कि आज के समय में 25 लाख रुपये सालाना की सैलरी कुछ भी नहीं है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘आज के जमाने में 25 LPA सैलरी कुछ भी नहीं है। 3-5 साल का अनुभव रखने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी इससे ज्यादा कमा लेता है। क्या टेक सैलरी बाजार को प्रभावित कर रही है?’दत्ता का मानना है कि टेक कंपनियों की ओर से दी जाने वाली ऊंची सैलरी बाजार के लिए सही नहीं है। उनका कहना है कि 5 साल के अनुभव के बाद 30 लाख रुपये सालाना की सैलरी आम बात हो गई है। उन्होंने लिखा, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि ये आईटी वाले कितना कमाने लगे हैं। 5 साल 30 लाख वास्तव में अब बहुत आम है।’लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं दत्ता के इस बयान पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई। खासकर ऐसे समय में जब टेक महिंद्रा, टीसीएस और इन्‍फोसिस जैसी भारत की दिग्गज आईटी कंपनियों में कई टेक कर्मचारियों को सैलरी में ठहराव का सामना करना पड़ रहा है। कोविड के बाद हायरिंग फ्रीज और छंटनी की खबरों ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है।केवल नाम के एक एक्स यूजर ने दत्ता के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि वह 10 साल के अनुभव के बाद 25 लाख रुपये कमाने वाले टेकीस को जानते हैं। उन्होंने लिखा, ‘3-5 साल के टेक वाले कौन हैं? मैं कई आईटी सेक्‍टर में काम करने वाले लड़के/लड़कियों को जानता हूं, वे 10 साल के अनुभव के बाद 20-25 LPA कमाते हैं। हो सकता है कि कुछ स्टार्टअप नए लोगों को इतना अधिक पैकेज दें लेकिन बड़ी टेक कंपनियां नहीं।’स्टार्टअप और अमेरिकी कंपनियां कर रहीं इतना पेमेंट इस बहस में कई अन्य यूजर्स ने भी अपनी राय रखी है, जो टेक सैलरी और बाजार की उम्मीदों के बारे में चल रही चर्चा को उजागर करती है। एक यूजर ने कहा, ‘सर मैकेनिकल इंजीनियरिंग डेवलपमेंट (बैटरी और ड्रोन) में 9 साल हो गए हैं और मैं अभी तक वहां नहीं पहुंचा हूं।’एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘आम नहीं है। स्टार्टअप और अमेरिकी कंपनियां इतना भुगतान कर सकती हैं, लेकिन भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियां नहीं। 5 साल के अनुभव में 20% 25L कमा रहे होंगे। ज्‍यादातर 80% अभी भी 5 वर्षों में केवल 10L तक कमाते हैं।’एक यूजर ने कहा, ‘हमेशा नहीं। कंपनी पर निर्भर करता है। शीर्ष 5 भारतीय आईटी सेवा कंपनियां जिन्हें हम सभी जानते हैं, वे पहले की तरह वेतन नहीं बढ़ा रही हैं। आप जिस उदाहरण का हवाला दे रहे हैं, वह या तो अमेरिकी कंपनियां हैं या शुद्ध उत्पाद आधारित कंपनियां हैं। आईटी नाममात्र का है और सहकर्मी का दबाव भी बढ़ जाता है। लेकिन मैं आपसे सहमत हूं, मुंबई या बेंगलुरु जैसे शहर में 25 लाख मुश्किल से 3 या 4 लोगों के परिवार के लिए पर्याप्त है।’ यह बहस दिखाती है कि आज के समय में सैलरी को लेकर लोगों के मन में क्या चल रहा है।