क्‍या नौरादेही अभयारण्‍य में चीतों को बसाने पर विचार कर रही सरकार?

सागर (dailyhindinews.com)। क्‍या सरकार अब नौरादेही अभयारण्‍य (Nauradehi sanctuary) में चीतों को बसाने पर विचार कर रही है? मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने पिछले दिनों रहली में आयोजित एक कार्यक्रम में इस बारे में कुछ बयान दिया, जिसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि मध्य प्रदेश सरकार कूनो पालपुर के बाद संभवत नौरादेही में भी अफ्रीकी चीतों (african cheetah) को बसाने पर विचार कर रही है।

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रहली के पास सुनार नदी पर करीब 23 करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए अटल सेतु का लोकार्पण करते समय गोपाल भार्गव ने कहा की नौरादेही अभयारण्‍य (Nauradehi sanctuary) में चीजों को लाया जाएगा उसके अलावा अन्य वन्य प्राणियों को भी लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नौरादेही में पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं का ढांचा विकसित किया जाएगा अच्छे होटल व गेस्ट हाउस आदि का निर्माण करने की योजना है। ताकि नौरादेही आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

गोपाल भार्गव के बयान को लेकर चर्चा का नया दौर शुरू हो गया है। जब अफ्रीका से चीतों (african cheetah) को लाकर भारत में बसाने की योजना पर बात शुरू हुई थी तो कूनो पालपुर के अलावा नौरादेही अभयारण्‍य भी एक संभावित विकल्प के रूप में उस योजना का हिस्सा था। लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने कूनो पालपुर को सीटों के नए आवास के रूप में चुना। हालांकि विशेषज्ञों ने तब भी कहा था की चीजों को रहने के लिए लंबे घास के मैदान पसंद होते हैं जबकि नौरादेही में पहाड़ी क्षेत्र ज्यादा है।

संभवत इसी बिना पर कूनो पालपुर को वरीयता दी गई थी। लेकिन आप भार्गव के बयान से एक बार फिर नौरादेही में अफ्रीकी चीतों (african cheetah) को लाने की बात पर चर्चा शुरू हो गई है हालांकि अभी यह कहना काफी कठिन है कि भार्गव का बयान वास्तविकता के कितने करीब है।

रहली भार्गव के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है और वहां वे लगातार काम कराने की घोषणाएं करते रहते हैं जिनमें से कई घोषणाएं किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पाती। संभव है कि चीतों को लाकर नौरादेही अभयारण्‍य (Nauradehi sanctuary) में बसाने की बात भी ऐसी ही एक घोषणा हो इसलिए यह कहना अभी कठिन है कि नौरादेही अभयारण्‍य में चीतों को लाया जाएगा।

नामीबिया से लाए गए 8 चीते कूनो पालपुर नेशनल पार्क में बसाए गए हैं। नौरादेही अभयारण्‍य (Nauradehi sanctuary) सागर, दमोह, और नरसिंहपुर जिलों के बीच लगभग 1200 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसका एक भाग रहली और गढ़ाकोटा से होकर गुजरता है। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे में अभी तक कोई भी बात नहीं कही गई है। गोपाल भार्गव के बयान की सरकारी स्तर पर कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।

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