
रिकॉर्ड-तोड़ यात्रा करने वाले इस स्पेस यान के विवरण की ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन अधिकारियों का दावा है कि यह धरती से लगभग 400 किमी ऊपर कई वैज्ञानिक प्रयोग कर रहा था। अमेरिकी सेना के इस्तेमाल से पहले X-37B को बोइंग कंपनी ने नासा के लिए बनाया था। यह स्पेस क्राफ्ट हवाई जहाज की तरह दिखता है। आखिरी बार इस विमान को मई 2020 में एटलस वी रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इस स्पेस क्राफ्ट के अंतरिक्ष में बिताए गए समय को अगर जोड़े तो यह लगभग 10 वर्ष होगा।
रेकॉर्ड दिनों तक अंतरिक्ष में रहा
X-37B कार्यक्रम के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल जोसेफ फ्रित्शएन ने एक बयान में कहा, ‘विमान प्रयोग की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है। कक्षा में विमान के अंदर कुछ प्रयोग हुए हैं और इसे जमीन पर गहन विश्लेषण के लिए सुरक्षित घर वापस लाया गया है। इसीलिए ये विमान वायु सेना और वैज्ञानिक समुदाय के लिए मूल्यवान साबित हुआ है। इस यान ने हमें पहले की अपेक्षा अधिक प्रयोग करने में सहायता की है।’ यूनाइटेड स्टेट स्पेस फोर्स ने हालिया उड़ान में हुए सिर्फ कुछ प्रयोगों को खुलासा किया है।
क्या-क्या हुए प्रयोगस्पेस क्राफ्ट में नेवल रिसर्च लेबोरेटरी से जुड़ा परीक्षण भी किया गया। इसमें माइक्रोवेव के रूप में धरती पर वापस आने से पहले सूर्य के प्रकाश पर प्रयोग किए। साथ ही अमेरिकी वायु सेना के कैडेटों की ओर से डिजाइन किया गया विद्युत चुंबकीय ऊर्जा से चलने वाले ट्रेनिंग सैटेलाइट को भी कक्षा में तैनात किया। नासा ने मैटेरियल्स एक्सपोजर एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन स्पेस (METIS-2) नाम का एक प्रोयग भी किया, जिसमें विभिन्न चीजों पर अंतरिक्ष में पड़ने वाले प्रभाव की देखा गया है। इसके अलावा कौन से प्रयोग हुए हैं इसकी जानकारी नहीं दी गई। लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिकी एजेंसिया कुछ छिपा रही हैं।