प्रयागराज, 15 मार्च . भारतीय सेना की उत्तरी कमान 21 मार्च को Uttar Pradesh के Prayagrajसैन्य स्टेशन में आयोजित एक भव्य अलंकरण समारोह में अपने वीर और प्रतिष्ठित सैनिकों और यूनिटों को सम्मानित करेगी. पुरस्कार विजेताओं को उनकी असाधारण बहादुरी, कर्तव्य के प्रति सराहनीय समर्पण और प्रशंसा के लिए सम्मानित किया जाएगा. उत्तरी कमान में सेवारत सैनिकों की राष्ट्र के प्रति विशिष्ट सेवा, बहादुरी और बलिदान, अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके त्याग और अटूट प्रतिबद्धता को उजागर करता है.
रक्षा मंत्रालय Prayagrajके विंग कमांडर एवं मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी समीर गंगाखेडकर ने बताया कि उत्तरी कमान भारतीय सेना की सबसे सक्रिय कमान है और राष्ट्र सुरक्षा के लिए सबसे गम्भीर चुनौतियों, आतंकवाद के संकट और Jammu कश्मीर में भयानक छद्म युद्ध का मुकाबला करने के प्रयासों में सबसे आगे है.
उत्तरी कमान, एक महत्वपूर्ण सैन्य संगठन है जिसे भारत की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा का काम सौंपा गया है. इसका इतिहास ऑपरेशन मेघदूत, कारगिल युद्ध, आतंकवाद विरोधी अभियान, सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन एवं शांति मिशन जैसी कई उपलब्धियों से चिह्नित है. इसकी उपलब्धियां भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा, सीमाओं की रक्षा और इसकी सम्प्रभुता को बनाए रखने में उत्तरी कमान की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है.
विंग कमांडर ने बताया कि इस अलंकरण समारोह के दौरान भारतीय सेना की वीरता के बारे में पता चलेगा. भारतीय सेना के वीरता की कोई सीमा नहीं है. उत्तरी कमान के ये सैनिक गुमनाम नायक हैं, जिनकी वीरता घाटियों से होकर पूरे देश में गूंजती है और Prayagrajस्टेशन को अपनी समृद्ध संस्कृति और परम्परा के कारण यह जिम्मेदारी दी गई है.
लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, उत्तरी कमान, भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों को पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे. यूनिटों को राष्ट्र की विशिष्ट सेवा, बहादुरी एवं उनकी असाधारण कार्य और अद्वितीय उपलब्धियों के लिए जीओसी-इन-सी यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया जाएगा.
/विद्या कान्त/सियाराम