जडेजा को CSK में रहने के लिए कैसे धोनी ने मनाया? टकराव के बाद की इनसाइड स्टोरी

चेन्नई: सोमवार की जादुई रात के बाद को गोद में उठाए की आंसू भरी तस्वीर मंगलवार को ट्रेंड कर रही थी। यह सीएसके के अभियान का एक सुंदर अंत लग रहा था और धोनी ने उस कड़ी में एक बेहतरीन पन्ना जोड़ा। उन्होंने ट्रॉफी लेने के लिए मैच के हीरो जडेजा और रिटायर हो चुके अंबाती रायुडू मंच पर बुलाया। यह देखकर हर किसी के मुंह से यही निकला, एक ही दिल है कितनी बार जीतोगे माही।धोनी और जडेजा ने कई मैच भारत को जितवाए। यह जोड़ी कमाल की रही, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 के वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में दोनों के आउट होने का दर्द जिंदगी भर आंसू देता रहेगा। एक-दूसरे के लिए अत्यधिक पेशेवर सम्मान के बावजूद उनकी केमिस्ट्री हमेशा सहज नहीं रही है। पिछले साल जब जडेजा को कप्तान बनाया गया और फिर हटा दिया गया तो जडेजा ने सीएसके कैंप को आवेश में छोड़ दिया था।उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से सीएसके से संबंधित सभी पोस्ट हटा दिए। एक समय था जब फ्रेंचाइजी और खिलाड़ी के बीच सभी बातचीत भी बंद हो गई थी। वह फ्रेंचाइजी छोड़ना चाहते थे, लेकिन यह धोनी ही थे जिन्होंने मामले को संभाला। उनहोंने कहा कि जडेजा को सीएसके छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने बाएं हाथ के बल्लेबाज को साथ रहने के लिए मना लिया।इस सीजन में हालांकि सौराष्ट्र के ऑलराउंडर को शायद ही अपनी बल्लेबाजी क्षमता दिखाने का मौका मिल रहा था। जडेजा को आउट होने पर फैंस का जश्न मनाना और इस बारे में बयानों ने रिश्तों में खटास की खबरें फैलाईं। जड्डू के ट्वीट्स वायरल होने लगे थे। फिर मैदान पर मतभेद और गलतफहमियों ने फैंस को सकते में डाल दिया था। खिताब जीतने के बाद जो कुछ जडेजा ने धोनी के लिए लिखा वह कहीं अधिक प्रभावी था।धोनी-जडेजा की जोड़ी ने ही सोमवार फॉर्म में चल रहे शुभमन गिल को आउट किया। फिर नाटकीय अंदाज में जडेजा के बल्ले से आखिरी ओवरों में रन निकले और सीएसके चैंपियन बन गई। जडेजा ने मैच के बाद कहा, ‘मैं इस जीत को हमारे एकमात्र एमएस धोनी को समर्पित करना चाहता हूं।’ यह भावुक करने वाला पल था। जडेजा भी जानते हैं कि भले ही धोनी कभी-कभार उनके साथ सख्त होते हैं, लेकिन कप्तान का उन पर अब भी जबरदस्त भरोसा है। धोनी अब ढलान पर हैं। शायद ही अगला सीजन खेलें। ऐसे में रुतुराज गायकवाड़ को भविष्य के सीएसके कप्तान के रूप में रखा गया है, लेकिन अगर जडेजा को अगले सत्र में कप्तान के रूप में दूसरी बार मौका दिया जाता है तो आश्चर्य नहीं होगा। उन्होंने इस बार जो उन्होंने किया इससे उनके लिए सम्मान और भी बढ़ा होगा। हालांकि, जिस तरह से सीएसके टीम काम करती है, यह फैसला जल्दी नहीं लिया जाएगा।