वित्त वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की आखिरी क्रेडिट पॉलिसी के फैसलों का ऐलान आज हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एलान किया है कि एमपीसी ने रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया है।इसके बाद देश में रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी पर आ गया है जो कि पहले 6.25 फीसदी पर था। एमपीसी के 6 सदस्यों में से 4 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया। इस साल ब्याज दरों में यह 6वीं बढ़ोतरी है।RBI Governor Shaktikanta Das announces that RBI increases the repo rate by 25 basis points to 6.5% pic.twitter.com/2ZyUSbCxEO— ANI (@ANI) February 8, 2023
पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में नरमी आई है और इसके आउटलुक पर MPC की नजर है। रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल होन की EMI पर पड़ेगा।क्या है रेपो रेट?रेपो दर का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन और ईएमआई से है। दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है। रिवर्स रेपो रेट क्या है?जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दे।