इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान में पैरासिटामोल समेत 20 जरूरी दवाएं महंगी हो गई हैं। शुक्रवार को शहबाज शरीफ कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने 20 जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि को अपनी मंजूरी दे दी। एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ हुई ईसीसी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। ईसीसी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, विनियम और समन्वय मंत्रालय की संस्तुति पर दवा मूल्य निर्धारण समिति (DPC) की अनुशंसित 18 नई दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) के निर्धारण की अनुमति दी। पाकिस्तान ने दावा किया कि इन दवाओं की कीमत खासकर भारत की तुलना में काफी कम है।पाकिस्तान पहले कितनी थी पैरासिटामोल दवा की कीमतपाकिस्तानी कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति ने पेरासिटामोल उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य को बदलने की भी मंजूरी दी है। अभी तक पाकिस्तान में पैरासिटामोल प्लेन टैबलेट 500 एमजी की निर्धारित कीमत 2.67 रुपये और पैरासिटामोल एक्स्ट्रा टैबलेट 500 एमजी 3.32 रुपये थी। पैरासिटामोल का इस्तेमाल बुखार, दर्द जैसी आम बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली दवा भी है। पाकिस्तान में पैरासिटामोल को सरकारी नियंत्रण में रखा गया है। ऐसे में इस दवा की कीमत में इजाफा बिना सरकारी मंजूरी के नहीं की जा सकती है।पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हालपाकिस्तान स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिकोण से एशिया के सबसे बदहाल मुल्कों में से एक है। पाकिस्तान के बड़े शहरों में स्थित सरकारी अस्पतालों में हर समय भारी भीड़ रहती है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता। वहीं, गरीब अवाम के पास इतना पैसा नहीं है कि वे प्राइवेट अस्पतालों में भारी-भरकम बिल की अदायगी कर इलाज करवा सकें। पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में विपरीत भौगोलिक परिस्थिति और विरल आबादी के कारण अस्पताल काफी कम संख्या में बनाए गए हैं। अधिकतर ग्रामीण अस्पतालों में चंद आम बीमारियों का ही इलाज किया जाता है।