टीम इंडिया टी20 विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है और उसने वहां तैयारी भी शुरू कर दी है. वहीं कुछ खिलाड़ी भारत में ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रहे हैं. इनमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो कुछ वक्त पहले तक टी20 टीम का भी हिस्सा थे लेकिन विश्व कप में जगह नहीं बना सके और इसकी टीस उनके अंदर है. स्टार ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर भी उनमें से हैं, जो विश्व कप का हिस्सा न होकर निराश हैं लेकिन शार्दुल का मानना है कि उनमें अभी भी काफी क्रिकेट बाकी है.
रिजेक्शन से निराश
शार्दुल फिलहाल टीम इंडिया के साथ रांची में हैं, जहां भारत और साउथ अफ्रीका के बीच रविवार 9 अक्टूबर को दूसरा वनडे मैच खेला जाना है. पहले मैच में गेंद और बल्ले से जोरदार प्रदर्शन करने वाले शार्दुल ने शनिवार को कहा कि हर किसी की तरह उनका भी सपना था कि वह विश्व कप खेलें. उन्होंने कहा, “जाहिर है, यह बड़ी निराशा है. विश्व कप में खेलना और अच्छा प्रदर्शन करना हर खिलाड़ी का सपना होता है.”
काफी क्रिकेट बाकी, नजरें वर्ल्ड कप पर
शार्दुल ठाकुर पिछले साल यूएई में हुए टी20 विश्व कप में टीम का हिस्सा थे और वहां दो मैचों में उन्हें दो विकेट मिले थे. हालांकि, इसके बाद से ही वह टीम में अपनी जगह नहीं बना सके. ऐसे में अब शार्दुल अपनी नजरें अब अगले लक्ष्य पर हैं. उन्होंने कहा,
अगर मेरा चयन नहीं हुआ तो भी कोई बात नहीं. मुझ में अभी काफी क्रिकेट बचा है और अगले साल एकदिवसीय विश्व कप भी है. मुझे जिस मैच में भी मौका मिला मेरा ध्यान उस में अच्छा करने और टीम की जीत में योगदान देने पर होगा.
पिछले वर्ल्ड कप में थे टीम का हिस्सा
टीम इंडिया के लिए टेस्ट और वनडे में बल्ले से कुछ शानदार पारियां खेलने वाले शार्दुल ने कहा कि वह निचले क्रम की बल्लेबाजी में उपयोगी योगदान देना चाहते है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले ODI में मुश्किल परिस्थितियों में संजू सैमसन के साथ 66 गेंद में 93 रन की साझेदारी कर भारत की मैच में वापसी करायी थी. शार्दुल ने इस दौरान तेजी से 33 रनों की पारी खेली थी. हालांकि, इसके बावजूद टीम हार गई.
बैटिंग पर काम कर रहे शार्दुल
अपनी बैटिंग के बारे में शार्दुल ने कहा, अगर आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों को देखें तो उनके बल्लेबाजी क्रम में काफी गहराई है. उदाहरण के लिए ऑस्ट्रेलिया के पास पैट कमिंस, मिच स्टार्क आठवें या नौवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं. ऐसा ही इंग्लैंड के साथ भी है. मैं काफी समय से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दे रहा हूं. जाहिर तौर पर सातवें से नौवें क्रम पर बल्लेबाजी में योगदान देना अच्छा होता है. इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.