भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को व्यावसायिक गतिविधि में बदला जाएगा: ISRO Chairman

इसरो के अध्यक्ष के सोमनाथ ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र एक बंद और गुप्त समाज से एक खुले समाज में बदल रहा है और इसके पीछे का उद्देश्य इसे सरकारी कार्यक्रम के बजाय एक आर्थिक या व्यावसायिक गतिविधि के रूप में बदलना है।
सोमनाथ ने यहां कनककुन्नु पैलेस में आयोजित मातृभूमि इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ लेटर्स (एमबीआईएफएल)-2024 में कहा कि मानसिकता में यह बदलाव अमेरिका जैसे देशों में अंतरिक्ष-संबंधी गतिविधियों को एक आर्थिक गतिविधि में बदले जाने से आया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख ने कहा कि पिछले 60 वर्षों में रॉकेट से लेकर उपग्रह बनाने तक के अंतरिक्ष क्षेत्र के काम का उद्देश्य सामाजिक अनुप्रयोग पर केंद्रित था ताकि ऐसी सेवाएं प्रदान की जाएं जिससे आम आदमी को फायदा हो।
एमबीआईएफएल के पांचवें संस्करण के एक सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष कार्यक्रम का बजट बहुत कम – 10,000 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, इसलिए इसे 10 गुना तक बढ़ाने के उद्देश्य से देश की अंतरिक्ष नीति में कुछ बदलाव लाने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि भारत में रॉकेट और उपग्रह बनाने और उन्हें यहां से प्रक्षेपित करने के लिए बोइंग जैसी विभिन्न कंपनियों के साथ चर्चा जारी है।
सोमनाथ ने कहा, ये ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में अतीत में कभी नहीं सोचा गया था। अंतरिक्ष एक बंद समाज था। इसमें बहुत गोपनीयता थी। हमने अब गोपनीयता खत्म कर दी है और इसमें खुलापन ला रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसे (अंतरिक्ष क्षेत्र को) एक व्यावसायिक गतिविधि में बदलना है।