भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 3 दिवसीय कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र के दौरान सशस्त्र बलों के तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान पीएम ने कहा कि सशस्त्र बलों को जरूरी हथियारों और टेक्निकल से लैस करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में पीएम ने कहा कि सेनाओं को नए और उभरते खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए. इस बीच पीएम मोदी ने डिजिटलाइजेशन, साइबर सिक्योरिटी और सोशल मीडिया की चुनौतियों जैसे मुद्दों पर बातचीत की. बता दें कि, बीते 2 सालों से चीन और भारत के बीच सीमा विवाद चल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों को जरूरी हथियारों और प्रौद्योगिकियों से लैस करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. पीएम का ये बयान रक्षा मंत्रालय के डील साइन करने के एक दिन बाद आ रहा है. चूंकि, स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर के साथ सशस्त्र बलों की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 32,100 करोड़ रुपए का सौदा किया गया है.
सम्मेलन में रक्षा मंत्री समेत तीनों सेनाओं के चीफ हुए शामिल
वहीं, सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने इस सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी. इस दौरान सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एयर फोर्स चीफ मार्शल वीआर चौधरी, भारतीय सेना चीफ जनरल मनोज पांडे और तीनों सेनाओं के सीनियर कमांडर भी कार्यक्रम में शामिल हुए.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस साल का सम्मेलन इसलिए खास था कि चूंकि, तीन सेवाओं के बीच ज्यादा एकीकरण के लिए आगे बढ़ने के तरीके सहित कई मुद्दों पर फील्ड यूनिटों से इनपुट मांगा गया था, जो सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
ये भी पढ़ें: MP बना पर्ची बाबाओं का गढ़! धीरेंद्र शास्त्री के बाद विलास महाराज का लगा दरबार, हर बीमारी ठीक करने का दावा
तीनों सेनाओं के सैनिकों के इंटरैक्टिव सत्र हुए आयोजित
दरअसल, रक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि इस बार इस कॉन्फ्रेंस का दायरा बढ़ाया गया. चूंकि, इसमें तीनों सेनाओं के हर कमांड से सैनिकों की भागीदारी के साथ ही बहुस्तरीय और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए.
इस कार्यक्रम में ट्राई सर्विस अंडमान एंड निकोबार कमांड भी शामिल रही. वहीं, ये सम्मेलन ऐसे समय हुआ है, जब जब सरकार संसद में अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 को आगे बढ़ा रही है.
भारत-चीन सीमा पर लगातार गतिरोध जारी
वहीं, पीएम मोदी ने राष्ट्र निर्माण में तीनों सेनाओं की भूमिका और अन्य देशों को मानवीय मदद करने के लिए सशस्त्र बलों की भी सराहना की. गौरतलब है कि, ये सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है जब भारत और चीन करीब 3 सालों से सीमा विवाद में फंसा हैं. जिसमें गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स शामिल है.
हालांकि, भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब तक 17 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के देपसांग और डेमचोक सेक्टर के चारडिंग नाला जंक्शन की समस्याएं अभी भी बातचीत की मेज पर हैं.
ये भी पढ़ें: ऊंची पहाड़ी चढ़कर महिलाएं भर रहीं MP सरकार की इस स्कीम का फॉर्म, परिवार को सता रही है ये टेंशन