नई दिल्ली (dailyhindinews.com)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के नेताओं के साथ उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में आयोजित सालाना SCO summit में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने भारत के बढ़ते कद और विश्व में SCO की बढ़ती अहमियत को समझाया।
उन्होंने कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है। भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.
उन्होंने कहा कि हम भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की राह पर तेजी से बढ़ रहे हैं। इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% बढ़ोतरी की उम्मीद है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा होगी। उन्होंने कहा हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
पीएम ने कहा कि हम हर सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70,000 से ज्यादा स्टार्ट-अप हैं जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। Also Read – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : वडनगर में एक चाय वाले से गांधीनगर, दिल्ली और आगे की यात्रा की नींव ऐसे पड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की चाहत के साथ चीन को अपने इरादों से वाकिफ कर दिया। प्रधानमंत्री ने यहां अर्थव्यवस्था की बढ़ती संभावनाओं का भी जिक्र करते हुए नए स्टार्टअप्स को सराहा। साफ है पीएम हर मोर्चे पर चीन को पछाड़ने की तैयारी में हैं।
2020 की हिंसक झड़प के बाद पहली बार मोदी-जिनफिंग आमने-सामने
गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं।
शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई। शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
समिट के बाद मीटिंग्स का दौर : शिखर सम्मेलन के बाद मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है। वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात करेंगे। मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर गुरुवार की रात यहां पहुंचे थे।
कोरोना के दो साल बाद सम्मेलन :कोविड-19 के कारण दो साल बाद एससीओ का ऐसा शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद हैंय। समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन दो सत्र में होगा। एक सीमित सत्र होगा, जो केवल एससीओ के सदस्य देशों के लिए है और इसके बाद एक विस्तारित सत्र होगा, जिसमें पर्यवेक्षक देश और अध्यक्ष देश की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित देशों के नेताओं की भागीदारी की संभावना है।
SCO का इतिहास : एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे। SCO सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को SCO के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना है।
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