रेल मंत्री वैष्णव के सामने ही बकझक, दर्द की इस घड़ी में ममता की मौतों पर यह कैसी जल्दबाजी?

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने शनिवार ओडिशा के बालासोर पहुंची जहां भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई है। ममता बनर्जी ने इसे सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा बताया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ममता बनर्जी ने मीडिया से बात की। इस दौरान सियासत भी देखने को मिली और दो बार ऐसा भी हुआ जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें टोका। ममता बनर्जी एक के बाद एक आरोप लगाए जा रहीं थीं। उन्होंने कहा कि रेलवे में तालमेल की कमी है। इसके साथ ही उन्होंने 500 से ज्यादा रेल यात्रियों के मरने की आशंका व्यक्त की। ममता बनर्जी जब बोल रहीं थीं तब रेल मंत्री की ओर से पलटवार नहीं किया गया लेकिन उनको टोका। हालांकि ममता बनर्जी फिर बोलती रहीं और कहा कि जरूरत पड़ेगी तो वह रेलवे को सलाह भी दे सकती हैं। ममता बनर्जी जब मीडिया से बात कर रहीं थीं तो उन्होंने कहा कि रेलवे का बजट घटा दिया। रेलवे में कोई तालमेल नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा कि रेलवे का एक सिस्टम है इस तरह के हादसे में मारे गए लोगों को 15 लाख मिलता है। 10 कि 15… उन्होंने रेल मंत्री से पूछा। जिसके बाद रेल मंत्री की ओर से कहा गया कि दस। ममता बनर्जी ने कहा कि इस हादसे में 500 लोगों के मारे जाने की आशंका है। इसके बाद दोबारा रेल मंत्री ने उन्हें टोका। कहा कि आंकड़ा ऐसा नहीं है। इसके बाद ममता बनर्जी की ओर से कहा गया कि अभी 3 डिब्बा क्लियर नहीं हुआ है। उसके बाद अश्विनी वैष्णव कहते हैं कि सब क्लियर हो चुका है। इसके बाद ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे हमारे बच्चे की तरह है वह सलाह भी दे सकती है। इस ट्रेन में एंटी कोलेजन डिवाइस नहीं था, अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता। हमारे राज्य के जिन लोगों की इस हादसे में मृत्यु हो गई उनके परिजनों को हम 5-5 लाख रुपए देंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने 70 एंबुलेंस, 40 चिकित्सक और नर्स घायलों की मदद के लिए पहले ही भेज दिए हैं। हम राहत और बचाव कार्य में राज्य सरकार और रेलवे का पूरा सहयोग करेंगे। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने तथा एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 261 हो गई है। यह हादसा भारत का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है।