तुर्की की तबाही में भारत का लाल बना पीड़ितों का मसीहा, निशुल्क कर रहा रहने-खाने की व्यवस्था

जहां एक ओर तुर्की में भूकंप आने के चलते तबाही मची हुई है, लेकिन एक ऐसा शख्स भी है जो कि मध्यप्रदेश के बुरहानपुर का रहने वाला जो नमस्ते इंडिया के नाम से तुर्की में अपना होटल चलाता है. ये शख्स है दीपेंद्र गराई जो की भूकंप पीड़ितों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है. क्योंकि इस शख्स ने अपने चारों रेस्टोरेंट में पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था निशुल्क कर दी है.
दरअसल मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के इंदिरा कॉलोनी में दीपेंद्र गराई के माता-पिता रहते हैं और उनके एक भाई और एक बहन भी है. उनके पिता ने बताया कि मेरा बेटा तुर्की में रहता है, एक होटल और तीन रेस्टोरेंट्स चलाता है. उसने अपनी पढ़ाई होटल मैनेजमेंट से की है. सभी जगह काम करने के बाद वह तुर्की पहुंचा और वहां पर एक होटल और तीन रेस्टोरेंट खोले जिनका नाम नमस्ते इंडिया है.
दीपेंद्र के तुर्की में नमस्ते इंडिया से है होटल और तीन रेस्टोरेंट
दीपेंद्र के पिता ने आगे कहा कि काफी मेहनत करने के बाद आज वहां अच्छा खासा तुर्की में कमा रहा है और सुखी है, लेकिन हमें उसी से पता चला कि तुर्की में भूकंप आ गया है और चारों तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है. भारत देश भी तुर्की की अन्य तरीके से सहायता कर रहा है और जिसको जैसा लग रहा है वह उस प्रकार भूकंप पीड़ितों की मदद कर रहा है. दीपेंद्र गराई ने माता-पिता से प्रेरणा लेकर अपने एक होटल और तीनों रेस्टोरेंट में भूकंप पीड़ितों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था निशुल्क कर दी है.
जब पता चला तो पतिा को बेटे पर हुआ फक्र
बुरहानपुर के इंदिरा कॉलोनी में दीपेंद्र के माता-पिता रहते हैं. वह बताते हैं कि दीपेंद्र बचपन से ही लोगों की मदद करना और किसी की तकलीफ को देखकर तुरंत उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाते थे. तब उस समय हमें ऐसा लगता था कि बड़ा होकर यह क्या कर पाएगा और इसकी यह प्रवृत्ति के चलते कहीं ना कहीं यह अपना नुकसान भी कर बैठेगा. क्योंकि कहीं ना कहीं लोग इसकी इस प्रवृत्ति का गलत फायदा भी उठा सकते हैं. लेकिन आज हमें दीपेंद्र पर फक्र होता है कि दीपेंद्र तुर्की में आए भूकंप में पीड़ितों की मदद कर रहा है और उसने अपना एक होटल और तीनों रेस्टोरेंट में पीड़ितों के लिए खाना रहना निशुल्क कर दिया है. यह सही मायने में दीपेंद्र द्वारा किया गया कार्य लोगों के लिए प्रेरणादाई है और हमें हमारे बेटे पर आज गर्व महसूस हो रहा है.
जिस देश ने मुझे पैरों पर खड़ा किया आज मैं उसके लिए खड़ा हूं
वहीं इस पूरे मामले पर दीपेंद्र वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने माता-पिता से अनुभव साझा किए. दीपेंद्र ने अपने पिता को बताया कि इस देश तुर्की ने मुझे अपने पैरों पर खड़ा किया है. यहां के देशवासियों ने मुझे इतना प्रेम दिया अब जब मुझे पता चला कि तुर्की में भूकंप आया है और चारों ओर त्राहिमाम फैला हुआ है तो मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई. मैंने सोचा कि अब मेरी बारी है जिस देश ने मुझे सब कुछ दिया और भारत सरकार भी अगर इस देश की मदद कर रही है तो मैं भी भारत माता का बेटा हूं मुझे भी इस देश के लिए कुछ करना चाहिए. तब मैंने फैसला किया कि मैं अपने एक होटल और तीनों रेस्टोरेंट में पीड़ितों के लिए रहना और भोजन की निशुल्क व्यवस्था करूंगा. अब जैसे ही दीपेंद्र की यह बात मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में लोगों को पता चली तो हर कोई दीपेंद्र की तारीफ करते नहीं थक रहा है और दीपेंद्र पर बुरहानपुर वासियों को ही नहीं पूरे देश को भी गर्व है.
बुरहानपुर से तुर्की कैसे पहुंचे दीपेंद्र
बुरहानपुर के इंदिरा कॉलोनी में उनके पिता अरविंद और मां महादेवी गराई रहते हैं दीपेंद्र के भाई अरविंद दिल्ली में हैंं, साथ ही एक बहन भी है. दीपेंद्र का सफर तुर्की तक पहुंचने में काफी स्ट्रगल और मुश्किलों भरा रहा. दीपेंद्र के पिता बताते हैं कि होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद उन्होंने कई जगह काम किया और कभी शेफ का भी काम किया लेकिन फिर वह थक हार कर बुरहानपुर आ गए. लेकिन फिर बाद में हमारे एक परिचित जो कि तुर्की में रहते हैं उनसे संपर्क हुआ, जिसके बाद उन्होंने उनके साथ तुर्की में होटल और रेस्टोरेंट का कार्य स्टार्ट किया. आज ये काम अच्छा खासा चल रहा है और भूकंप पीड़ितों को निशुल्क भोजन और रहने की व्यवस्था उपलब्ध करवा रहे हैं.