दिल्ली वाले बिल पर AAP का साथ देने चली कांग्रेस में ही रार, पार्टी के भीतर फिर विरोध की आवाज

नई दिल्ली: सोमवार लोकसभा में भले ही दिल्ली वाला बिल पेश नहीं हुआ लेकिन उससे पहले कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा। कांग्रेस आलाकमान इस मामले पर पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के साथ है तो वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक बार फिर विरोध के स्वर उठे। कांग्रेस नेता और पूर्वी दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि इस बिल का विरोध गलत है। लोकसभा में इस बिल को आज ही पेश किया जाना था लेकिन संसदीय कार्यमंत्री की ओर से कहा गया कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण पर अध्यादेश वाला बिल आज के कामकाज में सूचीबद्ध नहीं है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह बिल पास भी होना चाहिए। दिल्ली का जो दर्जा है उस हिसाब से इस बिल को पास होना चाहिए, इसमें कोई गलत बात नहीं है। यदि दिल्ली को शक्ति देनी है तो उसे पूरा राज्य बनाएं। यह अध्यादेश उन्हीं शक्तियों का बंटवारा उसी तरह कर रहा है जो दिल्ली की संवैधानिक संशोधन और दिल्ली अधिनियम की मूलभावनाओं में था। इसलिए इस बिल का विरोध करना गलत है। संसद के भीतर मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों का नया गठबंधन I.N.D.I.A पूरी तरह एकजुट नजर आ रहा है। वहीं जब रविवार को यह खबर सामने आई कि दिल्ली वाला बिल पेश होगा उसके बाद सभी विपक्षी दलों ने एकजुटता की बात कही और कहा कि इसका मिलकर विरोध करेंगे। अभी जब हाल ही में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया तब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व सांसद सोनिया गांधी ने संजय सिंह की तारीफ करते हुए समर्थन की बात कही। बेंगलुरु में कांग्रेसी नेताओं की ओर से केजरीवाल समेत दूसरे AAP नेताओं का जोरदार स्वागत किया गया था। सदन के भीतर भी दोनों दल एक साथ नजर आ रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली प्रदेश के नेता अब भी केजरीवाल का सर्मथन नहीं करना चाहते। पूर्व में भी दिल्ली कांग्रेस के दो बड़े नेता अजय माकन और संदीप दीक्षित ने खुलकर AAP का विरोध किया। हालांकि जब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से समर्थन का फैसला हुआ तो इन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े।