I.N.D.I.A. में लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर चर्चा तेज, कांग्रेस-SP और RLD कितने सीटों पर लड़ेगी?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मैदान में इन दोनों भारतीय जनता पार्टी बनाम विपक्ष की राजनीति गरमाई हुई है। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी पार्टियां भाजपा को एक बार फिर सत्ता में आने से रोकने के लिए बेकरार दिख रही हैं। भाजपा को रोकने के लिए I.N.D.I.A. को अब तक देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सीटों पर अब तक समझौता नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में विपक्षी गठबंधन सीटों के फॉर्मूले को अंतिम रूप दे देगा। I.N.D.I.A. को यूपी में स्थापित कर भाजपा को रोकने के लिए राजनीति पर काम शुरू किए जाने की तैयारी है। I.N.D.I.A. के सहयोगी दलों को यह पता रहेगा कि किस सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार खड़ा होगा। इससे उन्हें चुनावी रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश में तय माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस राष्ट्रीय लोकदल का स्थान इसके बाद होगा। सपा गठबंधन की साथी अपना दल कमेरावादी को लोकसभा चुनाव में सीट मिलना मुश्किल माना जा रहा है।यूपी की 80 सीटें हैं महत्वपूर्णउत्तर प्रदेश की 80 सीटें काफी महत्वपूर्ण हैं। सबसे अधिक सीटों वाले प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक दल अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करते एक बार फिर दिख रहे हैं। कांग्रेस इस बार एक अलग रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में रणनीति को आकार दिया जा रहा है। ऐसे में पार्टी कम से कम एक तिहाई सीटों यानी 25 से 30 सीटों पर अपना दावा करती नजर आ रही है। हालांकि, समाजवादी पार्टी ने पहले ही कहा है कि बड़े लक्ष्य के लिए छोटे-छोटे हितों को अलग रखना होगा। ऐसे में इस पर कांग्रेस अपने कदम कुछ पीछे हटा सकत है। दूसरी तरफ, भाजपा की अपनी अलग तैयारी है। एनडीए में भाजपा सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अपना दल एस, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निषाद पार्टी को भी एनडीए के सहयोगी के तौर पर चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।यूपी चुनाव 2017 में साथ आई थी कांग्रेस-सपायूपी के राजनीतिक मैदान में I.N.D.I.A. अगर आकार लेता है तो यह दूसरा मौका होगा, जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के तौर पर लड़ेगी। इससे पहले यूपी चुनाव 2017 में सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था। 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने तब 311 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। कांग्रेस ने इस चुनाव में 111 सीटों पर कैंडिडेट दिए थे। करीब दर्जन भर सीटों पर कांग्रेस और सपा उम्मीदवारों के बीच फ्रैंडली फाइट हुई थी। हालांकि, उस चुनाव में सपा को सपा को 47 और कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली थी। अब 80 सदस्यीय लोकसभा में समाजवादी पार्टी कम से कम 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का दावा कर रही है। वहीं, कांग्रेस कम से कम 25 सीटें मांग रही हैं। सपा इस चुनाव में किसी भी सीट पर फ्रैंडली फाइट नहीं चाहेगी, क्योंकि इसका संदेश चुनावी मैदान में गलत जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस को प्रदेश में स्थिति को देखते हुए समझौता करना पड़ सकता है।रालोद पर हैं हर किसी की निगाहलोकसभा चुनाव से पहले हर किसी की नजर राष्ट्रीय लोक दल पर टिकी हुई है। जयंत चौधरी लगातार चर्चा में बने हुए हैं। पश्चिमी यूपी में रालोद अपना वर्चस्व चाहती है। जाटलैंड के प्रभाव वाली करीब 12 से 15 लोकसभा सीटों पर जयंत चौधरी का अपना दावा है। वे पिछले दिनों मिठाई किसे पसंद नहीं है वाला बयान देकर सुर्खियों में आ गए थे। हालांकि, उन्होंने I.N.D.I.A. के प्रति अपना भरोसा दिखाया है। लेकिन, वे पश्चिमी यूपी में अपना दबदबा बनाने और बढ़ाने की कोशिश करेंगे। अगर कांग्रेस 15 से 20 सीटों पर मानती है तो फिर रालोद को I.N.D.I.A. के तहत 5 से 8 सीटें तक दी जा सकती है। दो से तीन सीटें अन्य दलों के प्रभावी उम्मीदवारों के लिए रखी जा सकती है। हालांकि, इतनी सीटों पर जयंत चौधरी तैयार होते हैं या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। पिछले दिनों उन्होंने पूरे पश्चिमी यूपी का दौरा कर बड़ा संदेश दिया है। उनका कार्यक्रम लगातार चल रहा है।भाजपा की रणनीति भी अहमयूपी में भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी के चुनावी मैदान से उतर कर पूरे प्रदेश के चुनाव को कंट्रोल करते हैं। भाजपा की ओर से स्थानीय समीकरणों के आधार पर टिकट के बंटवारे की तैयारी है। ऐसे में I.N.D.I.A. की ओर से भाजपा की रणनीति पर पैनी नजर रखी जा रही है। भाजपा की रणनीति के आधार पर I.N.D.I.A. की ओर से भी अपनी रणनीति में आखिरी समय में बदलाव हो सकता है। इन तमाम मसलों पर मुंबई में I.N.D.I.A. की बैठक के बाद चर्चा गरमाई हुई है।