1995 में राजेश पायलट कह रहे थे- कांग्रेस हार का मंथन करेगी, 27 वर्ष बाद भी वही हाल, वायरल हुआ वीडयो

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी दिनोंदिन कमजोर होती जा रही है। बीच-बीच में कभी किसी राज्य में सरकार बन जाती है, लेकिन पूरी दावेदारी के साथ। ऐसा लगता है कि जैसे तुक्का लग गया हो। लेकिन हैरत की बात है कि एक के बाद एक लगतारा हार के बावजूद पार्टी के स्तर से जिस आमूल चूल बदलाव की जरूरत है, वो हो नहीं पा रहा है। कांग्रेस की ऐसी हालत आज से नहीं बल्कि दशकों पहले से है। आज से 27 वर्ष पहले 1995 में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की बुरी हार हुई थी। तब पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार (राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पिता) जीवित थे। सरकारी टेलीविजन चैनल दूरदर्शन पर चुनाव परिणाम के दिन राजेश पायलट ने कहा था कि कांग्रेस हार के कारणों पर विचार करेगी और जहां जरूरत होगी सुधार होगी। मजे की बात है कि 27 साल बाद भी कांग्रेसी नेता यही बातें दुहरा रहे हैं। उधर, बीजेपी ने गुजरात में 27 वर्षों के लगातार शासन के बाद रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल कर ली है। गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली के नगर निगम चुनाव (MCD Election) के नतीजे आने के बाद राजेश पायलट का वह वीडियो सोशल मीडिया पर घूमने लगा है।

1995 में भी कांग्रेस के सामने था वही यक्ष प्रश्न

इस वीडियो में डीडी की एंकर राजेश पायलट से कहती हैं कि कांग्रेस पार्टी की तो मतदाताओं ने पिटाई कर दी। इस पर पायलट बेहद सौम्य मुद्रा में कहते हैं, ‘प्रजातंत्र में ये पिटाई और शाबाशी चलती रहती है। कभी पिटाई होती है, कभी शाबाशी चलती है। पर ये जरूर है कि हमलोगों के लिए यह चिंता की और थोड़ा आश्चर्य की बात भी है कि ये दोनों प्रदेश खासकर कर्नाटक और आंध्रा हमारे गढ़ रहे हैं। और हमेशा कांग्रेस बहुत मजबूती से चलती रही है। अबकी कोई ना कोई नाराजगी और गुस्सा आया है। वो हमें देखना पड़ेगा कि किस बात पे हमारे भाई-बहन नाराज हुए हैं। क्या उनमें गुस्सा आया है? हालांकि, अगर आप इतिहास देखें, आजादी के बाद से अब तक, जो पार्टी केंद्र में शासन करती है, उस पार्टी को प्रदेश में सत्ता में होती है तो कम ही ऐसे मौके हुए हैं जब बहुमत मिल जाता है, ज्यादातर।’

कांग्रेस को सुधार की जरूरत तब भी थी, अब भी है!

तभी ऐंकर टोकती हैं और टिप्पणी करती हैं, ‘ऐसा तो नहीं है, लेकिन राजेश जी! ऐसा लगता है अभी तक आपलोगों ने सबक नहीं सीखा है। लगता है कि सबक सीखा है?’ पायलट कहते हैं, ‘मैं आ रहा हूं उस बात पे, सबक पे।’ फिर वो अपनी पिछली बात को आगे बढ़ाते हैं। वो कहते हैं कि यूं तो केंद्र की सत्ता वाली पार्टी का शासन प्रदेश में हो तो विधानसभा चुनाव में उन्हें दुबारा सत्ता हासिल नहीं होती है, ज्यादातर मामलों में। लेकिन इन दो प्रदेशों (कर्नाटक और आंध्र प्रदेश) में ऐसा नहीं होता था। वो कहते हैं, ‘तो ये रिजल्ट्स आ रहे हैं और जाहिर है कि हम पीछे चल रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है, सारे देश को पता है। बैठेंगे, देखेंगे कि कहां हमसे गलती हुई है, किस बात पे हमसे हमारे भाई-बहन नाराज हैं। उन दिशाओं में सुधार करेंगे।’

वायरल हो रहा 1995 का यह वीडियो क्लिप

बहरहाल, अभी हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत जरूर मिली है, लेकिन दूसरे नंबर पर रही बीजेपी के मुकाबले उसे सिर्फ 0.90 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं। यानी, यह जीत भी तुक्के से ही मिली है। वहीं, गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी 77 से सीधे 17 सीटों पर आ गिरी। 5 वर्ष में 77 प्रतिशत सीटें कम हो गईं। वहीं, बीजेपी ने गुजरात की स्थापना से लेकर अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल करते हुए 85 प्रतिशत सीटों पर कब्जा कर लिया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए नगर निगम चुनावों (MCD Elections) में भी कांग्रेस की खूब फजीहत हुई है। 250 वार्डों वाले निगम चुनावों में कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकी और उसे सिर्फ नौ सीटों से संतोष करना पड़ा है। कांग्रेस पार्टी के लिए चिंता का विषय यह है कि गुजरात विधानसभा चुनावों और एमसीडी चुनावों, दोनों में ही पार्टी के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पार्टी नेता इन चिंताजनकर परिस्थितियों को स्वीकार तो रहे हैं, लेकिन आगे कैसे सुधार हो, इस पर शीर्ष नेतृत्व कोई रोडमैप नहीं दे पा रहा है। बड़ी बात है कि कांग्रेस की यह हालत दशकों से है और ठोस रोडमैप के अभाव में परिस्थितियां खराब ही हो रही हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर वर्ष 1995 का यह वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है।